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इंदौर: इंदौर की ख्याति देश दुनिया में फैली हुई है. इंदौर के समाजसेवी जो लावारिस लाशों का अंतिम संस्कार करते हैं. वे एक परेशानी को लेकर लंबे समय से जूझ रहे हैं. लावारिस लाशों का अंतिम संस्कार करने वाले समाजसेवी प्रियांशु पांडे ने बताया कि बीते कई सालों से हम लावारिस लाशों का अंतिम संस्कार करते हैं. इंदौर के जिला चिकित्सालय की मरक्यूरी में शवों को रखने के लिए फ्रीजर की व्यवस्था नहीं है. उन्होंने बताया कि कोई भी लावारिस लाश समाजसेवियों को अंतिम संस्कार करने के लिए पूरे पेपर वर्क के बाद दी जाती है. इस पूरी प्रक्रिया में लगभग 2 से 3 दिन लग जाते हैं. तब तक लाश पूरी तरह से खराब हो जाती है. समाज के प्रति अपने दायित्व को समझते हुए हम बगैर किसी शासकीय मदद के वर्षों से लावारिस लाशों का अंतिम संस्कार करते आ रहे हैं और भविष्य में भी करते रहेंगे.
फ्रीजर की व्यवस्था होनी चाहिए
उन्होंने बताया हम सभी लावारिस लाशों का अंतिम संस्कार पूरे विधि-विधान से करते हैं. ऐसी बहुत सी लावारिस लाश हमारे पास अंतिम संस्कार करने के लिए आती है.जो पूरी तरह से खराब हो चुकी होती है और जिनसे बुरी तरह से दुर्गंध आ रही होती है. हम इन लावारिस शवों का अंतिम संस्कार करते हैं.उन्होंने कहा कि जिला चिकित्सालय की मरक्यूरी में फ्रीजर की उचित व्यवस्था ना होने के कारण शवों को उचित सम्मान नहीं मिल पाता, जो चिंता का विषय है. लंबे समय से हम डिमांड कर रहे हैं कि जिला चिकित्सालय की मरक्यूरी में लाशों को रखने के लिए फ्रीजर की व्यवस्था होनी चाहिए. ताकि कम से कम 1 और 2 दिन तक शवों को सुरक्षित रखा जा सके. पर अभी तक यह व्यवस्था नहीं हो पाई है.वहींइस मामले में इंदौर कलेक्टर इलैया राजा टी का कहना है कि आपके माध्यम से सूचना प्राप्त हुई है.अगर ऐसी कोई भी कमी है तो जल्द से जल्द व्यवस्था करवाई जाएगी.