उत्तराखंड में भीषण प्राकृतिक आपदा से दहला देश, हर ओर तबाही ही तबाही

इस खबर को शेयर करें

देवप्रयाग। देवप्रयाग (Devprayag) में मंगलवार को बादल फटने से आए जलसैलाब में कई भवन जमींदोज हो गए. नगरपालिका बह्उद्देश्यीय भवन और ITI भवन जमींदोज हो गए. पानी के साथ आए मलबे में 8 दुकानें भी डूब गईं. हालांकि, कोविड कर्फ्यू के कारण जनहानि होने से बच गई. मलबे के कारण भागीरथी का जलस्तर बढ़ गया है. टिहरी एसएचओ ने घटना की जानकारी देते हुए बताया कि अब तक 12-13 दुकानें ध्वस्त हो चुकी हैं. हमने लोगों को अलर्ट कर दिया है. रेस्क्यू का काम चल रहा है.

उत्तराखंड डीजीपी अशोक कुमार ने घटना की जानकारी देते हुए बताया, “टिहरी स्थित देवप्रयाग थाना क्षेत्र में बादल फटने की घटना हुई है जिसमें 7-8 दुकानों और आईटीआई की बिल्डिंग को भारी नुकसान हुआ है. कोई जनहानि नहीं हुई है. हमारी एसडीआरएफ की टीमें घटनास्थल पर पहुंच गयी हैं और यथासम्भव मदद पहुंचा रही हैं.”

बादल फटने से शांता नदी मे आए उफान से नगर के शांति बाजार मे तबाही आ गई. आईटीआई का तीन मंजिला भवन पूरी तरह ध्वस्त हो गया जबकि शांता नदी से सटी दस से अधिक दुकानें भी बह गईं. देवप्रयाग नगर से बस अड्डे की ओर आने वाला रास्ता और पुलिया पूरी तरह से बह गई है. मलबे में किसी के दबने को लेकर अभी स्थिति साफ नही हो पाई है. कोरोना कर्फ्यू के कारण आईटीआई सहित दुकानों के बन्द रहने से भारी जान माल का नुकसान होने से बच गया.

मंगलवार शाम करीब चार बजे दशरथ पहाड़ पर बादल फटने से यहां से निकलने वाली शांता नदी में सैलाब आ गया. बस अड्डे से शांति बाजार होकर शांता नदी भागीरथी में मिलती है. सैलाब के साथ आए भारी बोल्डरों ने शांति बाजार में तबाही मचा दी. आईटीआई की तीन मंजिला बिल्डिंग जमींदोज हो गई. मौजूद सुरक्षाकर्मी दीवान सिंह ने कूदकर अपनी जान बचाई. आईटीआई भवन में मौजूद कम्प्यूटर सेंटर, निजी बैंक, बिजली, फोटो आदि की दुकानें भी ध्वस्त हो गईं. उधर शांता नदी पर बनी पुलिया, रास्ता सहित उससे सटी ज्वेलर्स, कपड़े, मिठाई आदि की दुकानें भी सैलाब की भेंट चढ़ गईं. शांति बाजार में करोड़ों का नुकसान होने का शुरुआती अनुमान है. पुलिस को अभी तक किसी के हताहत होने की सूचना नहीं है. अगर कोरोना कर्फ्यू की स्थिति नहीं होती तो बड़ी संख्या में जन हानि हो सकती थी.