छोटा पड़ा संसद उद्घाटन के बहिष्कार वालों का कुनबा, साथ आ गए 25 दल

The family of those who boycotted the inauguration of the Parliament became smaller, 25 parties came together
The family of those who boycotted the inauguration of the Parliament became smaller, 25 parties came together
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नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 28 मई को नए संसद भवन का उद्घाटन करने वाले हैं। कथित तौर पर राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को वहां आमंत्रित नहीं किया गया है, जिसके चलते कांग्रेस, तृणमूल, आम आदमी पार्टी समेत 19 पार्टियों ने इस कार्यक्रम का बहिष्कार किया। उन्होंने एक संयुक्त बयान जारी कर नए संसद भवन के उद्घाटन के दौरान हिस्सा नहीं लेगे की बात कही है। वहीं 19 पार्टियों के बहिष्कार के बाद सरकार के फैसले के पक्ष में अब 25 पार्टियां हो गई हैं, जो 28 मई को संसद भवन के उद्घाटन समारोह में हिस्सा लेंगी। एनडीए के इतर 25 पार्टियां रविवार (28 मई) को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तरफ से किए जाने वाले नए संसद भवन के उद्घाटन में शामिल होने के लिए तैयार हैं। विपक्षी दलों के आह्वान को धता बताते हुए इन पार्टियों ने समारोह में हिस्सा लेने की बात कही है। इनमें से कई पार्टियों का न तो प्रत्यक्ष रूप से भाजपा या विपक्षी गठबंधन में से किसी भी खेमे से संबंध हैं।

ये पार्टियां होंगी शामिल
ओडिशा की बीजू जनता दल, आंध्र की वाईएसआर कांग्रेस, पंजाब की शिरोमणि अकाली दल ने भाजपा और विपक्षी गठबंधन से ‘समान दूरी’ रखते हुए नए संसद भवन के उद्घाटन के मौके पर अपनी मौजूदगी का ऐलान किया है। नवीन पटनायक, जगनमोहन रेड्डी, सुखबीर बादल के इस फैसले से निश्चित तौर पर अगले साल होने वाले लोकसभा चुनाव से पहले बीजेपी को राहत मिलेगी। मेघालय के मुख्यमंत्री कोनराड संगमा की पार्टी एनपीपी पहले ही रविवार को अपना प्रतिनिधि भेजने की घोषणा कर चुकी है।

बीजेपी विरोधी पार्टियां भी रहेंगी मौजूद
हालांकि, आधिकारिक तौर पर एनडीए के सदस्य न होते हुए भी आंध्र प्रदेश की सत्तारूढ़ वाईएसआर कांग्रेस की तरह मुख्य विपक्षी तेलुगु देशम पार्टी (टीडीपी) भी सरकार के कार्यक्रम में शामिल हो रही है। बता दें 2019 के लोकसभा चुनाव से पहले ‘विपक्षी एकता’ बनाने के लिए टीडीपी प्रमुख चंद्रबाबू नायडू के कदम को ‘महत्वपूर्ण’ माना जा रहा था। मोदी कैबिनेट के दिवंगत सदस्य रामबिलास पासवान के सांसद-बेटे चिराग भी रविवार को सेंट्रल विस्टा में नजर आ सकते हैं, हालांकि अभी इसकी आधिकारिक घोषणा नहीं हुई है।

भाजपा के सहयोगी दलों में तीन केंद्रीय राज्य मंत्री – पशुपति पारस की राष्ट्रीय लोक जनशक्ति पार्टी, रामदार अठवाल की आरपीआईए, अनुप्रिया पटेल की अपना दल (एस) – संसद के उद्घाटन के अवसर पर उपस्थित रहेंगे। महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे की शिवसेना, हरियाणा के उपमुख्यमंत्री दुश्यंत चौटाला की जेजेपी, तमिलनाडु के पूर्व मुख्यमंत्री पलानीस्वामी की एडीएमके, झारखंड के पूर्व उपमुख्यमंत्री सुदेश महतो की आजसू भी होंगी। तमिल मनीला कांग्रेस, आईएमकेएमके जैसे क्षेत्रीय दल भी। रविवार को नए संसद भवन के उद्घाटन के मौके पर सिक्किम के मुख्यमंत्री प्रेम सिंह तमांग का सिक्किम क्रांतिकारी मोर्चा, नगालैंड के मुख्यमंत्री नेफिउ रियो की एनडीपीपी, मिजोरम के मुख्यमंत्री जोरामथंगा का मिजो नेशनल फ्रंट भी नजर आएगा। नागालैंड पीपुल्स पार्टी भी होगी।

19 के बदले 25 आए सरकार के साथ
संयोग से, कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने पहली बार सोमवार को शिकायत की थी कि नए संसद भवन के उद्घाटन समारोह में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को उस कार्यक्रम में आमंत्रित क्यों नहीं किया गया। बुधवार को तृणमूल कांग्रेस नए संसद भवन के उद्घाटन का बहिष्कार करने वाली पहली राजनीतिक पार्टी थी। अब तक 19 विपक्षी दल बहिष्कार सूची में शामिल हो चुके हैं। जब 25 पार्टियां नए संसद समारोह में हिस्सा लेंगी।