
हवेरी. कर्नाटक में एक शख्स के अपने बैल को लेकर सरकारी दफ्तर पहुंचने का अजीबोगरीब मामला सामने आया है. यालाप्पा रानोजी नाम के एक किसान सरकारी दफ्तर में मांगी जा रही रिश्वत से परेशान होकर ये कदम उठाया. रानोजी को अपने निवास प्रमाणपत्र से जुड़े एक दस्तावेज में बदलाव कराना था. इसके लिए वह बार बार नगर-निगम के दफ्तर के चक्कर लगा रहा था. रिपोर्ट्स के मुताबिक किसान को इसके लिए 25000 रिश्वत के तौर पर मांगे गए थे.
रिश्वत के लिए रकम न होने के चलते किसान अपने बैल को लेकर नगरपालिका के दफ्तर चला गया. रानोजी ने नगरपालिका के दफ्तर में अधिकारियों से कहा, मेरे पास देने के लिए पैसा नहीं है. 25 हजार रुपये की मांग को पूरा करने के लिए मैं आपसे अनुरोध करता हूं इस बैल को ले जाएं और दस्तावेज की प्रक्रिया पूरी करें.
रानो जी ने यह भी आरोप लगाया कि इससे पहले उन्होंने हवेरी नगरपालिका कार्यालय में किसी अन्य अधिकारी को रिश्वत दी थी, जिसका ट्रांसफर कर दिया गया है. उन्होंने कहा कि इससे पहले रकम दिए जाने के बाद भी, हाल ही में तैनात अधिकारी ने फिर से रिश्वत के रूप में 25,000 रुपये की मांग की.
बोम्मई सरकार पर लग रहे हैं भ्रष्टाचार के आरोप
यह घटना ऐसे समय आई है जब कर्नाटक में बसवराज बोम्मई के नेतृत्व वाली सरकार पर भ्रष्टाचार के आरोप लगते रहे हैं.
इसी महीने में केएसडीएल के अध्यक्ष एवं भाजपा विधायक मदल विरुपक्षप्पा के बेटे प्रशांत मदल को लोकायुक्त अधिकारियों ने एक ठेकेदार से 40 लाख रुपये की रिश्वत लेते हुए दो मार्च को रंगे हाथ पकड़ा था. आरोप है कि कुमार केएसडीएल कार्यालय में अपने पिता की ओर से यह रकम ले रहे थे.
उच्च न्यायालय की एकल न्यायाधीश पीठ ने विधायक की याचिका पर सुनवाई के बाद उन्हें अग्रिम जमानत दे दी थी. बेटे की गिरफ्तारी के बाद विरुपक्षप्पा ने केएसडीएल के अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया था.