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अंबाला | हरियाणा के अंबाला शहर के सिटी रेलवे स्टेशन के मुख्य द्वार से महज कुछ ही दूरी पर बने हनुमान जी के मंदिर की कहानी एकदम दिलचस्प है, जिसका इतिहास वर्षों पुराना है. कहा जाता है कि इस मंदिर में विराजमान हनुमान जी की मूर्ति किसी कारीगर ने नहीं बनाई बल्कि धरती से प्रकट हुई थी, जिसके ऊपर दूसरी बड़ी प्रतिमा स्थापित की गई थी. माना जाता है कि यहां मंदिर में कोई श्रद्धालु प्रार्थना करता है तो उसकी अवश्य ही मनोकामनाएं पूरी हो जाती हैं. मंदिर पर लोगों का इतना विश्वास टिका है कि यहां आए दिन हजारों की संख्या में श्रद्धालु भगवान की भक्ति करने के लिए आते हैं, जिनकी इस मंदिर से आस्था जुड़ी हुई हैं.
मंदिर में हर समय लगी रहती है श्रद्धालुओं की भीड़
हनुमानजी के इस ऐतिहासिक और प्राचीन मंदिर में हर समय श्रद्धालुओं की भीड़ जमा रहती है क्योंकि इस मंदिर में उनकी हर मनोकामनाएं पूरी होती हैं. पिछले तीस सालों से लगातार मंदिर में आ रहे दारा सिंह विर्क कहते हैं कि उनकी यहां बहुत आस्था है. इसलिए वह पिछले तीस सालों से इस मंदिर में सुबह- शाम आते हैं.
पटियाला पंजाब से रोज आने वाले वीरेंद्र ने बताया कि वह रोज पटियाला से यहां आते हैं क्योंकि यहां उनकी हर मुराद पूरी हुई है. सिख श्रद्धालु विक्की भाटिया ने बताया कि उनके पिता पिछले 48 साल से यहां की कपड़ा मंडी के प्रमुख हैं और यह मंदिर 100 साल से ज्यादा पुराना है लेकिन वह पिछले 25 साल से लगातार यहां पूजा करने आते हैं क्योंकि जिसकी भी इस मंदिर में सच्ची आस्था है उसकी हर मनोकामना पूरी होती है.
मंदिर में प्रार्थना करने से ठीक हो जाते हैं मरीज
उन्होंने बताया कि एक बार बीमार पड़ने पर करीब 90 दिनों तक वेंटीलेटर पर रहे. सभी चिकित्सकों ने जवाब दे दिया था लेकिन उनका सच्चा विश्वास यहीं था तब वे ठीक होकर वापस आ गए. तभी से उनकी आस्था इस मंदिर में है. मंदिर में पाठ कर रही रचना नाम की एक महिला ने बताया कि वह इस मंदिर में कई सालों से आ रही है क्योंकि एक बार उसकी बेटी बहुत बीमार हो गई थी. कोई डॉक्टर उसका इलाज नहीं कर रहा था लेकिन उसने यहां आकर हनुमान जी से प्रार्थना की, तभी चमत्कार हुआ और दो घंटे के भीतर यहां के डॉक्टरों ने उसका इलाज करना शुरू कर दिया. जिससे वह ठीक हो गई.
पुजारी की लगातार तीसरी पीढ़ी कर रही मंदिर की देखभाल
इस मंदिर के पुजारी की लगभग तीसरी पीढ़ी यहां की सेवा के साथ- साथ मंदिर की देखभाल कर रही है. मंदिर के पुजारी का कहना है कि यह मंदिर 100 साल से भी ज्यादा पुराना है और लोगों की इसमें काफी आस्था है. उनका कहना है कि यहां मूर्ति प्रकट हुई थी. इस मंदिर में दूसरे राज्यों से लोग आते हैं जो कोई भी मन्नत मांगते हैं और पूरी होने पर यहां आकर भंडारा करवाते हैं. उन्होंने कहा कि मैं तीसरी पीढ़ी हूं जो यहां सेवा के साथ- साथ मंदिर की देखभाल कर रही हूं. उन्होंने कहा कि जो भी यहां आता है उसे कहा जाता है कि यहां कुछ नहीं बताया जाता है, वह यहां अपनी मन्नत मांगने जाता है कि भगवान उसे स्वत: ही पूरा कर देंगे.