कमजोर वैश्विक रुझानों के कारण भारतीय बाजार में 23 सितंबर को लगातार तीसरे दिन और गिरावट नजर आई। अमेरिकी फेडरल रिजर्व के कठोर रुख ने सेंटीमेंट्स को प्रभावित करना जारी रखा। वैश्विक अर्थव्यवस्था के आउटलुक से भी बाजार में चिंता बढ़ी। वहीं सभी सेक्टर्स में तेज बिकवाली और रुपये के नए निचले स्तर पर जाने से बाजार ने इस साल की सभी बढ़त को गंवा दिया।
पिछले हफ्ते के दौरान सेंसेक्स और निफ्टी में 1 प्रतिशत से ज्यादा की कमजोरी देखने को मिली। निफ्टी बैंक, एनर्जी, मेटल, पीएसयू बैंक और ऑटो में 1-4 प्रतिशत की गिरावट के साथ सभी सेक्टोरल इंडेक्स लाल निशान में बंद हुए।
संतोष मीणा ने कहा कि तकनीकी रूप से निफ्टी 50-डीएमए के नीचे बंद हुआ। इसमें एक बेयरिश हेड एंड शोल्डर फॉर्मेशन से ब्रेकडाउन देखने को मिला है। इससे ये संकेत मिल रहा है कि इसमें और कमजोरी आ सकती है।
इसके नीचे गिरने पर इसमें 17,150 तत्काल सपोर्ट नजर आ रहा है। जबकि 17,000 के 200-डीएमए पर भी मजबूत सपोर्ट दिखाई दे रहा है।
वहीं ऊपर जाने पर निफ्टी में 17,700 का 20-डीएमए पर अहम रेजिस्टेंस नजर आ रहा है। निफ्टी 17,500 के पुट बेस से नीचे फिसल गया है। इसमें अगला बेस 17000 पर बना हुआ है।
बैंक निफ्टी पर बोलते संतोष मीणा ने कहा कि बाजार में आई हुई रैली की अगुवाई करने वाला बैंक निफ्टी 20-डीएमए के नीचे बंद हुआ। इसमें अपस्लोपिंग चैनल फॉर्मेशन ब्रेकडाउन देखने को मिला।
इसमें नीचे की ओर 38,750 एक महत्वपूर्ण सपोर्ट मिलेगा। जबकि ऊपर चढ़ने पर इसमें 40,250 पर अहम रेजिस्टेंस देखने को मिलेगा।
अजीत मिश्रा ने कहा कि बाजार में काफी समय से नरमी बरकरार रहने के बाद दबाव देखा जा रहा है। इससे बाजार में और गिरावट के संकेत देखने को मिल रहे हैं।
निफ्टी को अगला अहम सपोर्ट 17,100 पर मिल रहा है। चूंकि अधिकांश सेक्टर बेंचमार्क इंडेक्सेस की तरह ही कारोबार करते दिख रहे हैं, इसलिए शॉर्ट पोजीशन बनाए रखना समझदारी है। दूसरी ओर निवेशकों को ऐसे बाजार में क्वालिटी शेयरों को धीरे-धीरे पोर्टफोलियो में जोड़ने का सिलसिला जारी रखना चाहिए।