हिमाचल में मोदी ने जिस बागी नेता को किया था फोन, जानिए चुनाव में उसका क्या हुआ

The rebel leader whom Modi called in Himachal, know what happened to him in the election
The rebel leader whom Modi called in Himachal, know what happened to him in the election
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शिमला: हिमाचल प्रदेश विधानसभा चुनाव की फतेहपुर सीट काफी दिलचस्प मानी जा रही थी। ऐसा इसलिए क्योंकि यहां माइग्रेटेड बीजेपी, एक्स बीजेपी और एक्सपेल्ड बीजेपी ने मिलकर मुकाबले को रोचक बना दिया था। यह वही सीट है जिस सीट पर बीजेपी के बागी उम्मीवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के फोन का विडियो हाल ही में वायरल हुआ। पीएम ने पार्टी के बागी कृपाल सिंह परमार को फोन करके निर्दलीय चुनाव न लड़ने को कहा था। प्रधानमंत्री के फोन के बावजूद बागी उम्मीदवार पीछे नहीं हटे। हालांकि कृपाल सिंह को महज 2811 वोट मिले हैं लेकिन माना जा रहा है कि उन्होंने यह वोट बीजेपी के ही काटे।

फतेहपुर विधानसभा सीट कांगड़ा जिले में आती है। इस सीट पर 2012 से कांग्रेस जीतती रही है। 2021 में इस सीट पर उपचुनाव भी हुए और तब भी कांग्रेस ने ही जीत दर्ज की। इस सीट पर कांग्रेस ने भवानी सिंह पठानिया को उम्मीदवार बनाया। भवानी सिंह ने 2021 उपचुनाव में जीत दर्ज की थी। इससे पहले 2017 में भवानी सिंह के पिता सुजान सिंह पठानिया इस सीट पर जीते थे और उनकी मौत के बाद सीट खाली हुई और उपचुनाव की नौबत आई। सुजान सिंह 2021 में भी कांग्रेस उम्मीदवार के तौर पर इस सीट पर जीते थे।
Total Seats : 182
Majority Mark : 92
SOURCE: C VOTER
PARTY LEADS+WIN
BJP 158
CONG 16
AAP 4
OTH 4
बीजेपी का राकेश पठानिया पर था दांव
कांग्रेस ने जहां अपने विधायक भवानी सिंह पठानिया पर ही दांव लगाया। वहीं बीजेपी राकेश सिंह पठानिया को टिकट दिया था। जयराम ठाकुर की सरकार में कैबिनेट मंत्री रहे राकेश पठानिया बीजेपी के सीनियर नेता हैं। वह नूरपूर सीट से विधायक थे। बीजेपी के उम्मीदवारों की लिस्ट जारी होने से पहले तक राकेश पठानिया और उनके समर्थक नूरपूर सीट पर ही फोकस कर रहे थे और एक तरीके से प्रचार भी कर रहे थे। उनके प्रचार का स्लोगन था-न विधायक बदलेंगे, न सरकार बदलेंगे। बीजेपी उम्मीदवारों की लिस्ट आई तो नूरपूर से किसी और को टिकट दे दिया गया और राकेश पठानिया को नूरपूर से फतेहपुर भेज दिया गया। अब फतेहपुर में वह एक तरह से माइग्रेटेड उम्मीदवार थे। भवानी को 33238 वोट मिले।

बीजेपी से निष्कासित किए जा चुके हैं कृपाल परमार
सोशल मीडिया पर प्रधानमंत्री के फोन की वजह से कृपाल परमार काफी छाए हुए थे। कृपाल परमार 2017 में बीजेपी के उम्मीदवार थे, लेकिन चुनाव हार गए थे। वह बीजेपी के पूर्व राज्यसभा सांसद भी रहे हैं और पूर्व प्रदेश उपाध्यक्ष भी। इस बार जब टिकट नहीं मिला तो कृपाल परमार ने निर्दलीय चुनाव लड़ने का फैसला किया। वह फतेहपुर सीट से निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर मैदान में उतरे। बीजेपी ने पार्टी के अधिकृत कैंडिडेट के खिलाफ चुनाव लड़ने की वजह से उन्हें पार्टी से 6 साल के लिए निष्कासित कर दिया है, तो इस तरह कृपाल बन गए एक्सपेल्ड (निष्कासित) बीजेपी उम्मीदवार। उन्हें महज 1302 वोट मिले।

राजन सुशांत AAP की टिकट पर लड़े थे चुनाव
बीजेपी कनेक्शन वाले तीसरे उम्मीदवार हैं राजन सुशांत। राजन सुशांत इस बार आम आदमी पार्टी के उम्मीदवार हैं, लेकिन वह पहले बीजेपी के नेता रहे हैं। सुशांत ने पांच बार विधानसभा का चुनाव जीता है और 1998 से 2000 तक वह बीजेपी की धूमल सरकार में मंत्री भी रहे। फिर कांगड़ा से लोकसभा चुनाव भी जीता। 2012 में जब वह धूमल सरकार और प्रदेश बीजेपी नेतृत्व की खुलकर आलोचना करने लगे तो बीजेपी ने राजन को सस्पेंड कर दिया। राजन ने 2014 लोकसभा चुनाव में आम आदमी पार्टी जॉइन की और फिर बाद में छोड़ी भी। अब चुनाव से दो महीने पहले ही राजन ने फिर से आप का दामन थामा और बन गए आप के फतेहपुर सीट से उम्मीदवार। राजन को 1302 वोट मिले।