हैवानों ने इतनी बार चाकू मारा कि नहीं दिखा सकते बॉडी का कोई हिस्सा, जूठे पत्तलों के अंदर छिपा दी लाश

The savages stabbed so many times that they could not show any part of the body, hid the dead body inside false leaves
The savages stabbed so many times that they could not show any part of the body, hid the dead body inside false leaves
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सीतामढ़ी। बिहार के सीतामढ़ी से हत्या की ऐसी तस्वीर सामने आई है कि हम आपको डेड बॉडी का कोई हिस्सा नहीं दिखा सकते हैं। शरीर का कोई ऐसा हिस्सा नहीं बचा, जिस पर धारदार हथियार से वार न किया गया हो। बॉडी का पोस्टमार्टम भी आसान नहीं था। शरीर पर गिने जा सकने वाले वारों की संख्या 86 निकली, पर कई वार ऐसे भी हुए हैं, जिसमें धारदार हथियार से हमले के बार शरीर के अंदर उसे घुमाया गया है। हैवानियत की पराकाष्ठा तो देखिए, हत्यारों ने युवक की बेरहमी से हत्या के बाद शव को जूठे प्लेटस के बीच फेंक दिया। ताकि मृत शरीर तक कुत्तों की पहुंच आसान हो जाए।

निर्मम हत्या देखकर पत्थर दिल भी कांप जाए

मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, यह निर्मम हत्या इस तरह से की गई कि पत्थर दिल भी देखकर कांप जाए। पुनौरा गांव का रहने वाला 20 वर्षीय चिंटू कुमार मंगलवार से ही घर से लापता था। स्थानीय लोगों ने बुधवार को उसका शव गांव से सटी झाड़ी में देखा। मृतक की डेड बॉडी जूठे पत्तलों व कचरों के बीच पड़ी हुई थी। लोगों ने मृतक के परिजनों को यह जानकारी दी। ​वीभत्स हत्या देखकर परिजनों के साथ ग्रामीण भी उग्र हो गएं और सड़क पर प्रदर्शन करने लगें। हालां​कि अभी तक युवक की हत्या की वजह का पता नहीं चल सका है।

अम्बेडकर चौक पर आगजनी

बेरहमी से हत्या के बाद शव मिलने की खबर लोगों को मिली तो इलाके में हड़कम्प मच गया। बड़ी संख्या में प्रदर्शन कर रहे लोगों ने पुनौरा के अम्बेडकर चौक पर आगजनी कर घंटो हंगामा किया। सड़क को बांस व बल्लियां लगाकर जाम कर दिया गया। पुलिस प्रशासन के खिलाफ जमकर नारेबाजी हुई। आक्रोशित लोगों को शांत कराने में पुलिस को काफी मशक्कत करनी पड़ी। कई थानों की पुलिस मौके पर पहुंची, तब जाकर आक्रोशित लोगों को शांत कराया जा सका।

सड़क के दोनों तरफ लग गई वाहनों की लम्बी कतार

इस दौरान सबसे ज्यादा दिक्कत राहगीरों को हुई। गाड़ियां जाम में फंस गईं। सड़क के दोनों तरफ वाहनों की कतारें लग गईं। शहर का मुख्य चौराहा घिरे होने की वजह से शिवहर, रीगा, मेजरगंज, समेत कई प्रखंडों से आने वालों को शहर में इंट्री नहीं मिल सकी। आक्रोशित लोगों के शांत होने के बाद यातायात शुरु हो सका।