पितृपक्ष शुरु होते ही लगा साल का दूसरा चंद्रग्रहण, जानें किन पर पडेगा कितना असर

The second lunar eclipse of the year started as soon as Pitru Paksha started, know who will be affected and how much
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जयपुर. Lunar eclipse 2024: चंद्र ग्रहण को हिंदू धर्म में अशुभ माना गया है, क्योंकि ग्रहण के दौरान नकारात्मक ऊर्जा बढ़ जाती है। इससे इस दौरान किए गए काम अशुभ फल देते हैं। पितृपक्ष पर खंडग्रास चंद्र ग्रहण बुधवार सुबह 6.12 बजे से सुबह 10.17 बजे तक रहेगा। ज्योतिषों के अनुसार भारत में दिखाई न देने के कारण यहां सूतक नहीं लगेगा। राजस्थान में भी इसका कोई असर नहीं रहेगा।

दरअसल, विदेशी समय अनुसार यह ग्रहण वहां 17 सितंबर की रात को दिखेगा। हालांकि, भारतीय समय अनुसार यह 18 सितंबर को सुबह लगेगा। इसलिए यह चंद्र ग्रहण भारत में दिखाई नहीं देगा। ऐसे में साफ है कि जब ग्रहण भारत में दिखेगा ही नहीं तो सुतक भी नहीं लगेगा। लोगों को सूतक काल के नियमों का पालन करने की कोई आवश्यकता नहीं हैं।

बुधवार को खंडग्रास चंद्र ग्रहण भारतीय समयानुसार प्रातः 7:43 से 8:46 के मध्य दिखाई देगा। यहां चंद्र ग्रहण प्रारंभ होने से पहले ही चंद्रमा अस्त हो चुका होगा। अतः यह ग्रहण भारत में कहीं भी दिखाई नहीं देगा। ज्योतिषिय शास्त्रों की भाषा में ऐसे चंद्र ग्रहण को उपछायी चंद्र ग्रहण का नाम दिया है और इसे ग्रहण की श्रेणी में नहीं रखकर केवल खगोलीय घटना के रूप में माना है।

हिंदू धर्म में पितरों के श्राद्ध को महत्वपूर्ण माना गया है। और इसे एक कर्तव्य की तरह निभाकर इसका पालन भी करते हैं। मान्यता है कि जो लोग पितरों का श्राद्ध नहीं करते उन्हें पितृदोष से पीड़ित होना पड़ता है। ग्रहण विदेशों में नजर आएगा।
सुदेश कुमार शर्मा, पंडित, सिद्धि विनायक गणेश मंदिर