रुला देगी खूबसूबत पत्नी के साथ खुदकुशी करने वाले डॉक्टर की कहानी, बोलेः हमेशा के लिए जा रहे…

The story of a doctor who committed suicide with his beautiful wife will make you cry, said: going forever...
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उधम सिंह नगर. पत्नी की बीमारी, पैसों की कमी, बेटे की पढ़ाई बंद होना, आर्थिक रूप से टूटकर उत्तराखंड के उधम सिंह नगर में रहने वाले डॉक्टर का उठाया आत्मघाती कदम उनके बच्चों को ऐसा दर्द दे गया है तो जो शायद ही वह कभी भूल सकेंगे. कुछ घंटे पहले तक जिस परिवार में खुशियां थी अब वह मातम में बदल चुकी हैं. ‘मौत के इंजेक्शन’ ने डॉक्टर और उसकी बीमार पत्नी को गहरी नींद में सुला दिया है.

निजी अस्पताल में नौकरी, किराए का मकान

मूल रूप से देहरादून के रहने वाले डॉ. इंद्रेश शर्मा उधम सिंह नगर जिले के काशीपुर में एक निजी हॉस्पिटल में सेवाएं देते थे. करीब 10-12 साल पहले वो पत्नी वर्षा शर्मा, बेटी देवांशी और बेटे ईशान के साथ काशीपुर आ गए थे. बाद में उनकी पत्नी वर्षा को कैंसर हो गया. डॉ. इंद्रेश की परेशानी बढ़ गई. बीते 6 साल से वह अपनी पत्नी का इलाज करा रहे थे. पत्नी के इलाज में इंद्रेश का काफी रुपया खर्च हो गया था. इससे परिवार पर आर्थिक संकट आ गया था.

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पत्नी के इलाज के लिए डॉक्टर ने कई लोगों से कर्ज भी लिया. बीमारी के कारण वर्षा के शरीर में खून में कमी हो जाती थी तो इंद्रेश ने खुद कई बार पत्नी को अपना खून दिया. बार-बार ब्लड डोनेट करने से इंद्रेश की भी तबीयत खराब रहने लगी. वहीं, इंद्रेश पत्नी और बेटे के साथ किराए के मकान में रहते थे. इस मकान में वह दिसंबर 2022 में रहने के लिए आए थे.

कोरोना महामारी ने तोड़ दी कमर

पत्नी के बीमार से परेशान डॉ. इंद्रेश पर आर्थिक संकट तब और बढ़ गया जब परिवार पर कोरोना महामारी के कारण पैसों की किल्लत हो गई. बीमार पत्नी की इलाज, परिवार का खर्च और बच्चों की पढ़ाई को बोझ इंद्रेश पर नहीं संभाल तो उसे बेटे की पढ़ाई बंद करानी पड़ी. आर्थिक स्थिति से बेटा भी वाकिफ था, इसलिए उसने भी स्कूल जाने की जिद नहीं की. धीरे-धीरे डॉक्टर शर्मा पहले से अधिक तनाव में रहने लगे.

वह रात जब डॉ. शर्मा ने लगाया ‘मौत का इंजेक्शन’

डॉ. शर्मा के 11 साल के बेटे ईशान के मुताबिक, “रोज की तरह शाम( 31 मई) को पापा हॉस्पिटल से घर आए और आराम किया. इसके बाद सभी ने साथ बैठकर खाना खाया. फिर पापा ने मेरे साथ लूडो खेला, जिसमें वो जीत गए. इसी दौरान पापा ने एक इंजेक्शन दिखाते हुए कहा कि यह सभी को लगाना है”.

ईशान ने आगे कहा था कि, “पापा से मैंने कहा कि कि सबसे पहले मुझे इंजेक्शन लगाना. इस बात पर पापा की आंखें डबडबा गईं. हमेशा मेरे हीरो रहे पापा ने दुनिया छोड़ने से पहले मेरी ये इच्छा भी पूरी की. यह पहला मौका था, जब उन्होंने मुझे धोखा किया. उन्होंने खुद और मां को जहरीला इंजेक्शन (एनेस्थीसिया) लगाया, जबकि मुझे सामान्य इंजेक्शन लगाकर इस दुनिया में छोड़ गए”.

‘आंखें खुली थीं लेकिन सांस नहीं चल रही थी’

ईशान आगे कहता है कि अगली सुबह (1 जून) को उठने के बाद मैं सबसे पहले मां को उठाने गया. आवाज दी मां का कोई जबाव नहीं आया, हिलाया-डुलाया तो भी मां जागी नहीं. मैंने मशीन से उनकी पल्स चेक की. जिसमें सीधी लाइन नजर आई. फिर मैं पापा के पास गया उनको चेक किया. उनकी आंखें खुली हुई थीं, लेकिन सांस नहीं चल रही थी. फिर मैंने रिश्तेदार और पड़ोसियों को पापा-मम्मी के बारे में बताया.

बेटी देवांशी की जुबानी

शर्मा की बेटी देवांशी ने बताया कि इसी साल जनवरी में उसकी शादी जसपुर निवासी मयंक से हुई थी. कल सुबह उसने मम्मी के नंबर पर फोन किया पर कॉल रिसीव नहीं हुई. इसके बाद भाई के नंबर पर फोन किया और कहा कि सबको बता देना कि मैं आज आ रही हूं. इसके थोड़ी देर बाद ईशान ने फोन करके घटना के बारे में बताया. जिसे सुनते ही पैरों तले जमीन खिसक गई. उसने बताया कि मम्मी कैंसर और किडनी की बीमारी से ग्रसित थीं. आर्थिक तंगी के चलते महंगा इलाज न करा पाने की वजह से पापा खुद ही मम्मी का इलाज कर रहे थे.

पैनल की देखरेख में पोस्टमार्टम फिर अंतिम संस्कार

घटना के सामने आने के बाद डॉ. शर्मा और उनकी पत्नी का पोस्ट मार्टम पैनल की देखरेख में कराया गया था. बाद में दोनों के शवों को परिवार को सौंप दिया गया. गुरुवार शाम को डॉ. शर्मा और उनकी पत्नी का अंतिम संस्कार कर दिया. 11 साल के बेटे ईशान ने अपने माता-पिता को मुखाग्नि दी. इस दौरान दोनों भाई-बहन बिलख-बिलख कर रोते दिखे.

दी गई थी एनेस्थीसिया की ओवरडोज

सामने आया है कि डॉ. शर्मा ने खुद को और अपनी पत्नी को एनेस्थीसिया की ओवरडोज दी थी. वह सालों से निजी अस्पताल में काम कर रहे थे. ऐसे में उन्हें अच्छे से अंदाजा होगा कि कितनी मात्रा में एनेस्थीसिया देने पर इंसान की सांसे थम सकती हैं. ऐसे में यह भी सवाल खड़े हो रहे हैं कि क्या उसी अस्पताल से एनेस्थीसिया के इंजेक्शन डॉ. शर्मा अपने साथ घर लेकर आए थे, यहां पर वह काम करते थे.

किराए के मकान में रहते थे डॉ. शर्मा: एसपी

इस मामले में एसपी काशीपुर अभय सिंह का कहना है कि डॉ.शर्मा यहां पर किराए के मकान में रहते थे. दिसंबर 2022 से ही वह परिवार के साथ यहां पर शिफ्ट हुए थे. पुलिस को घटनास्थल पर सिरींज और सुसाइड नोट भी मिला है. इसमें डॉक्टर ने स्वेच्छा से सुसाइड किए जाने का जिक्र किया है. किसी को भी इसके लिए जिम्मेदार नहीं ठहराया है. पुलिस मामले की जांच कर रही है.