कहानी उस पेड़ कि जिसे भगवान कृष्ण खुद स्वर्ग से धरती पर लेकर आए, केवल रात में ही खिलते हैं फूल

The story of the tree which Lord Krishna himself brought from heaven to earth, flowers bloom only at night.
The story of the tree which Lord Krishna himself brought from heaven to earth, flowers bloom only at night.
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Parijat Flower Pauranik Katha: हिन्दू धर्म में ऐसे कई सारे पेड़ पौधे हैं जिनकी पूजा की जाती है. इन वृक्षों के औषधीय गुण को बीमारियों के इलाज के लिए भी इस्तेमाल किया जाता है. इन्हीं में से एक पेड़ पारिजात का है. धार्मिक शास्त्रों के अनुसार इसका संबंध सीधे स्वर्ग से है. इस पेड़ को भगवान कृष्ण खुद स्वर्ग से धरती पर लाए थे. आइए जानते हैं इस पेड़ की रोचक पौराणिक कथा.

पौराणिक कथा
पौराणिक कथा के अनुसार समुद्र मंथन में 14 रत्न बाहर निकले थे उनमें से एक पारिजात का पेड़ भी शामिल था. इस पेड़ को राजा इंद्र अपने साथ स्वर्गलोग ले गए थे और वहां स्थापित कर दिया था. स्थापित करने के बाद पेड़ की खुशबू दूर-दूर तक फैलने लगी. ये भी कहा जाता है कि इंद्रदेव ने पेड़ का एक बीज देवी रुक्मिणी को भेंट स्वरूप भी दिया था.

रात में ही क्यों खिलते हैं पारिजात के फूल
एक बार देवर्षि नारद जी ने सत्यभामा जो भगवान कृष्ण की दूसरी पत्नी थी, उन्हें इस पेड़ के फूल को पाने के लिए उकसा दिया. इसके बाद सत्यभामा फूल की जिद्द कृष्ण जी से करने लगीं. जिद्द के कारण कृष्ण जी को पारिजात का पेड़ लेने के लिए स्वर्ग जाना पड़ा. जब भगवान श्री कृष्ण पेड़ को लेकर जा रहे थे तो देवराज इंद्र ने पेड़ को श्राप दे दिया कि पारिजात के फूल कभी भी दिन में नहीं खिलेंगे और कभी भी फल नहीं आएगा. कहा जाता है कि तभी से पारिजात के फूल केवल रात में खिलते हैं. इसके बाद कृष्ण जी पेड़ को धरती पर लेकर आए और सत्यभामा को भेंट कर दिया.

मां लक्ष्मी को भी प्रिय
धार्मिक शास्त्रों के अनुसार समुद्र मंथन में से दोनों पारिजात और मां लक्ष्मी की उत्पत्ति हुई थी. इस तरह दोनों की उत्पत्ति का स्थान एक ही है. इस कारण से धन की देवी मां लक्ष्मी को पारिजात का फूल अत्यंत प्रिय है. धार्मिक मान्यताओं के अनुसार इस पेड़ को घर में लगाने से धन की कमी नहीं होती और बरकत बनी रहती है.