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मुजफ्फरनगर। भारतीय किसान यूनियन में अचानक टूट की खबर ने वेस्ट यूपी में सभी को चौंका कर रख दिया है। सामान्य से दिखने वाले इस घटनाक्रम को लोग आने वाले समय का कोई बडा संकेत मानकर चल रहे है। किसान आंदोलन की पृष्ठभूमि के चलते आने वाले समय में बडे ऐक्शन की आशंका बलवती हो गई है।
भारतीय किसान यूनियन में फूट की घटना पहली बार नहीं है, इससे पहले भी भाकियू के कई नेता भाकियू पर तमाम तरह के आरोप लगाकर अलग हो चुके हैं, लेकिन इस बार मामला अलग है। किसान आंदोलन के बीच वेस्ट यूपी में काफी गरमी का माहौल दिखाई दिया था। आंदोलन के दौरान भाजपा नेताओं के साथ-साथ भाजपा के लिये भी राकेश टिकैत की वजह से खासी समस्यायें खडी हो गई थी। यहां तक कि सिसौली में भाजपा विधायक उमेश मलिक के साथ हुए कांड ने भी इस मामले को काफी गरमा दिया था।
विधानसभा चुनाव समाप्त होने के बाद अब अचानक भाकियू में टूट आने वाले समय में किसी बडे ऐक्शन का संकेत दे रही है। कभी राकेश टिकैत के खास रहे और भाकियू के विशेष स्थान रखने वाले धर्मेन्द्र मलिक भी भाकियू छोड गये है। इस बीच बडे ऐक्शन की आशंका को हवा एक ओर घटनाक्रम ने दी है। केंद्रीय मंत्री डा. संजीव बालियान बाबा महेंद्र सिंह टिकैत की पुण्यतिथि पर हर वर्ष सिसौली जाकर अपने श्रद्धा सुमन अर्पित करते थे, लेकिन इस बार उन्होंने भी इस कार्यक्रम से दूरी बनाई है। हालांकि दिल्ली में उन्होंने अपने आवास पर बाबा टिकैत को याद किया। इस पूरे घटनाक्रम को खाप की लडाई और भाकियू का विधानसभा चुनाव में एकतरफा रुख के साथ ही किसान आंदोलन में भाजपा के घोर विरोध के साथ ही अपने ही क्षेत्र में भाजपा नेताओं के साथ हुई अभद्रताओं की घटनाओं के चलते टिकैत परिवार को कमजोर करने की राजनीति के रुप में देखा जा रहा है। जानकारों को मानना है कि आने वाले समय में होने वाले बडे ऐक्शन की ये छोटी सी शुरुआत है। खाप की चौधर को लेकर भी काफी सारी चर्चाए बालियान बेल्ट में अब चल रही है। बालियान खाप की चौधर से मलिक खाप विधानसभा चुनाव से ही नाराज चल रही है, वहीं बालियान खाप में एक बडा वर्ग टिकैत परिवार से कुछ मामलों को लेकर नाराज है। आने वाले समय में कई बडे घटनाक्रम खापों के बीच देखने को मिल सकते है। आपको बता दें गठवाला खाप के चौधरी राजेंद्र सिंह मलिक भी इस नये किसान संगठन के संरक्षक बनाए गए है।