मंदिर से भगवान चुराने वाले चोरों को रात मे दिखा कुछ ऐसा उड़ गए होश, दहशत में वापस रख गए मूर्तियां

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चित्रकूट: चोरी करने के बाद चोरों ने चुराए गए सामान को वापस लौटा दिया। और वह भी माफी मांगते हुए पत्र के साथ। ऐसा इसलिए कि चोरों को डरावना सपना आने लगा था। सुनने में भले ही अजीब लग रहा हो लेकिन मामला सच है। दरअसल, चोरों ने चित्रकूट जिले में 300 साल पुराने मंदिर से 14 कीमती मूर्तियों की चोरी की थी। चित्रकूट के प्रसिद्ध बालाजी मंदिर से लाखों की कीमत की मूर्ति चोरी हो गई थी। तरुहा गांव के रामलीला ग्राउंड में स्थित 300 साल पुराने भगवान बालाजी मंदिर से एक सप्ताह पहले 14 कीमती मूर्तियों की चोरी हो गई थी। चोरों ने मूर्तियों के साथ चिट्ठी रखते हुए बताया कि चोरी के बाद से ही उन्हें डरावने सपने आ रहे थे। इसलिए वे मूर्तियां लौटा रहे हैं। बहरहाल चोरों की पहचान कर उन्हें गिरफ्तार करने के लिए पुलिस टीम का गठन किया गया है।

हमारे सहयोगी अखबार टाइम्स ऑफ इंडिया से बातचीत में कार्वी कोतवाली के इंस्पेक्टर राजीव सिंह ने बताया, ‘बालाजी मंदिर के पुजारी महंत राम बालक दास ने 16 मूर्तियों के चोरी होने की शिकायत दर्ज कराई थी। इसमें 5 किलो की अष्टधातु की मूर्ति और 10 किलो वजन की कॉपर से बनी भगवान बालाजी की 3 मू्र्तियां, 15 किलो वजन वाली तांबे की 4 मूर्तियां सहित समेत नकदी और चांदी के सामान की चोरी हो गई थी। 9 मई की रात में हुई घटना को लेकर FIR दर्ज हुई।’

एक सप्ताह के बाद चोरी हुई मूर्तियां एक चिट्ठी के साथ मानिकपुर कस्बे में महावीर नगर वार्ड स्थित महंत राम बालक दास के घर के बाहर मिली हैं। इसके बाद महंत ने मूर्तियां पुलिस को सौंप दी हैं। फिलहाल अष्टधातु की कीमती मूर्तियां अब भी पहुंच से दूर हैं। महंत राम बालक दास ने बताया कि सुबह जब वो गोवंशों को चारा-पानी देने निकले तो उन्हें एक चिट्ठी पड़ी मिली। उसमें मूर्तियों का जिक्र भी था।

चिट्ठी में लिखा था, ‘मूर्ति चोरी करने के बाद उन्हें नींद नहीं आ रही और डरावने सपने आ रहे हैं। इसलिए मूर्तियां वापस कर रहे हैं और मूर्तियों को आप दोबारा मंदिर में स्थापित करवा दें।’ चिट्ठी पढ़ने के बाद महंत ने मूर्तियों की खोज की तो मूर्तियां घर के बाहर टोकरी के नीचे रखी बोरी के अंदर मिलीं। उन्हें पीतल और तांबे की 12 मूर्तियां बरामद हुईं। लेकिन अष्ट धातु की दो मूर्तियां नहीं मिली। इसकी सूचना उन्होंने कोतवाली पुलिस को दी और पुलिस मुख्यालय पहुंचकर मूर्तियां पुलिस को वापस सौंप दी।