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काबुल: अफगानिस्तान (Afghanistan) के ज्यादातर इलाकों पर कब्जा करने के बाद आंतकी संगठन तालिबान (Taliban In Afghanistan) के हाथ बहुत बड़ा खजाना लग गया है. इस वक्त तालिबान के कब्जे में 1 ट्रिलियन डॉलर यानी करीब 74 लाख 42 हजार करोड़ रुपये के खनिज (Afghan Untapped Mineral Treasure) हैं. अफगानिस्तान में इन खनिजों का खनन अब तक नहीं किया गया है.
अफगानिस्तान में खनिज संपदा का भंडार
लगातार होती रहीं लड़ाइयों (Afghanistan Crisis) और खराब इन्फ्रास्ट्रक्चर की वजह से खनिज संपदा से संपन्न होने के बावजूद आज तक अफगानिस्तान में खनिजों के खनन का काम शुरू नहीं हुआ है. इसी वजह से अफगानिस्तान अब तक गरीब देश बना हुआ है.
अफगानिस्तान में हैं ये खनिज
यूएस जियोलॉजिकल सर्वे (US Geological Survey) के मुताबिक, अफगानिस्तान में बॉक्साइट, कॉपर, आयरन और लीथियम का बहुत बड़ा भंडार है. बता दें कि कॉपर का इस्तेमाल बिजली के तार बनाने में किया जाता है. कॉपर की कीमत 10,000 डॉलर यानी करीब 7 लाख 43 हजार 5 रुपये प्रति टन हो गई है.
तालिबान बन सकता है मालामाल
वहीं लीथियम का इस्तेमाल इलेक्ट्रिक कार की बैटरी और सोलर पैनल बनाने में किया जाता है. इससे भी काफी पैसे कमाए जा सकते हैं. इंटरनेशनल एनर्जी एजेंसी के मुताबिक, साल 2040 तक आज से 40 गुना लीथियम का प्रोडक्शन दुनियाभर में होने लगेगा.
माना जा रहा है कि चीन ने अफगानिस्तान के खनिज के खजाने को पाने के लिए ही तालिबान से हाथ मिलाने की पेशकश की है. चीन के अलावा रूस की नजर भी अफगानिस्तान के खनिज पर है.