अभी अभीः वेस्ट यूपी में भाजपा और भाकियू में बडे टकराव की आशंका, बिगड सकते है हालात

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मुजफ्फरनगर (Muzaffarnagar)। किसान आंदोलन के चलते सिसौली (Sisauli) में हुए घटनाक्रम से वेस्ट यूपी (West UP) की हवा में तनाव भर दिया है। भाकियू अध्यक्ष नरेश टिकैत (Naresh Tikait) और केंद्रीय राज्यमंत्री डॉ. संजीव बालियान (Dr. Sanjeev Balyan) के बयानों से माहौल की तपिश इलाके में साफ देखी जा सकती है। भाकियू अध्यक्ष नरेश टिकैत के बालियान खाप में भाजपा नेताओं के न आने वाले बयान से जाट समाज की खापों के बीच भी दरार पैदा की है। सिसौली हमले का शिकार हुए विधायक उमेश मलिक (Umesh Malik) गठवाला खाप से आते है। ऐसे में वेस्ट यूपी में आने वाले समय में ऐसी कई गंभीर घटनायें होने आशंका हो गई है।

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किसान आंदोलन के नाम पर भाजपा नेताओं का विरोध एक सामान्य घटना हो सकती है, लेकिन भाजपा नेताओं पर हमला कर देना, विरोध के इस नये रुप से वेस्ट यूपी में हालात बिगड सकते है। विधायक उमेश मलिक से पहले मंत्री संजीव बालियान भी दो बार ऐसी घटनाओं का शिकार हो चुके है, इसके अलावा हरियाणा और पंजाब में भाजपा नेताओं के साथ मारपीट तक की घटनाये हो चुकी है। लेकिन वेस्ट यूपी में ये मामला बिल्कुल अलग है। भले ही भाकियू अपने गढ में जाटों के बीच काफी मजबूत हो, इन्ही जाटों में भाजपा भी अब अंदर तक पैठ कर चुकी है। विरोध के इस तरीके की अगर भाजपा समर्थकों की ओर से भी वैसी ही प्रतिक्रिया हुई तो हालात काबू से बाहर हो सकते है। इस आशंका की झलक केंद्रीय राज्यमंत्री डॉ. संजीव बालियान के बयान में साफ दिख रही है। घटना के दिन भौरांकलां थाने में उन्होंने समर्थकों से कहा था कि गांवों में जाने से भाजपा नेताओं को कोई संगठन रोक नहीं सकता। इससे हालात बिगड़ सकते हैं और ऐसे में जिला प्रशासन के लिए भी एक मुसीबत खडी हो सकती है।

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अभी तक भाजपा किसान आंदोलन के समर्थकों से सीधे टकराने से बचती रही है। कई बार अपने नेताओं पर हमले झेलने और तीखे बयानों को चुपचाप सुन लेने की रणनीति भाजपा तो अपना सकती है, लेकिन उनके समर्थक इसे कब तक बर्दाश्त करेंगे, ये देखने वाली बात है। हालांकि भाकियू के विरोध की झलक भी वेस्ट यूपी में देखने को मिलने लगी है। कुछ दिन पहले तितावी थाना क्षेत्र के गांव अमीरनगर में राकेश टिकैत के बोर्ड पर कालिख पोत दी गई थी। ये घटनायें आने वाले कठिन समय का संकेत कर रही है।

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विधायक उमेश मलिक पर हमले के बाद केंद्रीय राज्यमंत्री डॉ. संजीव बालियान ने भाकियू कार्यकर्ताओं को निशाने पर लिया था। उन्होंने कप्तान अभिषेक यादव को साफ शब्दों में कह दिया कि वह जिले में कानून का राज स्थापित करें। इसी बीच सिसौली पंचायत में भाकियू अध्यक्ष नरेश टिकैत ने एक बार फिर कहा है कि भाजपा नेता गांवों में न जाएं। इसके जवाब में संजीव बालियान ने साफ कह दिया था कि भाजपा कार्यकर्ता कमजोर नहीं है, उन्हें गांवों में जाने से कोई संगठन रोक नहीं सकता। भाकियू ने 5 सितम्बर को महापंचायत का ऐलान किया है, इस दौरान अगर टकराव हुआ तो वेस्ट यूपी में हालात गंभीर हो सकते है।

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भाकियू के मुख्यालय सिसौली में एक कार्यक्रम में शामिल होने गए बुढ़ाना के भाजपा विधायक उमेश मलिक का जबरदस्त विरोध हुआ, विधायक के खिलाफ मुर्दाबाद के नारे लगाते हुए भाकियू समर्थकों ने उनकी स्कॉर्पियो कार पर पहले काला तेल डाल दिया। फिर उनकी कार पर पथराव और लाठी-डंडों से हमला किया गया। इस दौरान विधायक ने भाग कर एक मकान में घुसकर जान बचाई। हमले में उनका निजी सहायक और एक गनर घायल हो गए हैं। इस घटना से भाजपा कार्यकर्ताओं और विधायक समर्थकों में आक्रोश है।

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