पत्नी के चरित्र पर था संदेह, चैक करने को गर्म तेल में डाल दिया ये अंग, फिर…

There was doubt on wife's character, these body parts were put in hot oil to check, then...
There was doubt on wife's character, these body parts were put in hot oil to check, then...
इस खबर को शेयर करें

पूतलपट्टू। आंध्र प्रदेश में महिला सशक्तिकरण को धता बताने वाला एक मामला सामने आया है। यहां एक महिला को स्वयं को पतिव्रता साबित करने के लिए खौलते तेल में हाथ डालने को विवश किया गया। हालांकि, एक अधिकारी ने समय पर हस्तक्षेप कर चार बच्चों की मां को ऐसा करने से रोक दिया।

क्या है पूरा मामला?
एक अधिकारी ने बताया कि यह घटना गुरुवार को चित्तूर जिले के थातिथोपु गांव में एक आदिवासी समुदाय में हुई। पंचायत राज विभाग के अधिकारी ने कहा कि महिला खौलते तेल में हाथ डालने वाली ही थी, लेकिन मैंने वहां पहुंचकर उसे बचा लिया।

अधिकारी के अनुसार, प्रथा के अनुसार पतिव्रता होने की परीक्षा के लिए पांच लीटर तेल को खौलाकर फूलों से सजे मिट्टी के बर्तन में डाला जाता है और गांव के लोग इसे देखने के लिए एकत्र होते हैं। महिला के 57 वर्षीय पति को अपनी पत्नी के चरित्र पर पिछले काफी समय से संदेह था।

अधिकारी ने बताया कि महिला के पति ने उसे कई बार पीटा भी था। उन्होंने बताया कि येरुकुला आदिवासी समुदाय की पुरानी प्रथा के अनुसार, जिस महिला के चरित्र पर संदेह होता है, उसे समुदाय के सदस्यों के समक्ष अपने हाथ खौलते तेल में डालने होते हैं।

अधिकारियों ने महिला को बचाया
अधिकारी ने बताया कि यदि महिला के हाथ नहीं जले, तो यह माना जाता है कि वह पतिव्रता है, लेकिन यदि उसके हाथ जल गए तो उसे बेवफा मान लिया जाता है। महिला चार बच्चों की मां है और वह स्वयं को पतिव्रता साबित करने के लिए इसके लिए तैयार हो गई। इसके लिए पूरी तैयारी कर ली गई थी, लेकिन तभी स्थानीय मंडल परिषद विकास अधिकारी ने समय पर पहुंचकर महिला को बचा लिया।

…तो इस वजह से महिला हुई सहमत
अधिकारी ने कहा कि महिला यह सोचकर सहमत हुई कि अपने पति से प्रतिदिन प्रताड़ित होने से बेहतर स्वयं को निर्दोष साबित करना होगा। इस मामले में शामिल लोगों के खिलाफ पुलिस ने मामला दर्ज नहीं किया है, लेकिन महिला के पति और उसके परिवार के अन्य सदस्यों को पुलिस थाने बुलाकर समझाया गया है।