- दंतेवाड़ा में हिंसा की राह छोड़ 18 नक्सलियों ने किया आत्मसमर्पण, इसमें 3 महिलाएं भी शामिल - April 24, 2024
- बिहार में एक कट्टा जमीन और रुपयों के लिए नवविवाहिता की हत्या, ससुराल वालों ने बालू में किया दफन - April 24, 2024
- छत्तीसगढ़ में भाजपा नेता ने की आत्महत्या, सुसाइड नोट में लिखी यह वजह, शादी में गया था परिवार - April 24, 2024
देहरादून: उत्तराखंड में पहाडों में पार्किंग एक बड़ी समस्या है. खासकर टूरिस्ट सीजन में मसूरी, नैनीताल, उत्तरकाशी जैसे शहरों में टूरिस्ट के साथ ही आम आदमी भी जाम से बेहाल हो जाता है. भविष्य में टूरिस्ट की आमद बढ़ने पर ये समस्या और भी विकराल रूप लेगी. इसके लिए राज्य सरकार अब टनल पार्किग बनाने जा रही है. शहरी विकास मंत्री प्रेम चंद अग्रवाल ने बताया कि उत्तरकाशी, नैनीताल, पौड़ी में दो-दो जगह और टिहरी में छह जगह पहाड़ काटकर टनल पार्किंग बनाने की योजना है. टनल पार्किंग का काम एक्सपर्ट संस्थाओं NHIDCL, RVNL और THDC को दिया गया है.
पौड़ी के लक्ष्मण झूला और देवप्रयाग के सौड़ में बकायदा जमीन भी एक्वायर कर ली गई है. मसूरी के कैंपटी फॉल में बनने वाली पार्किंग के लिए साइट इंसपेक्शन कर लिया गया है. हालांकि, पर्यावरण मामलों के जानकार इस प्रोजेक्ट को लेकर आंशकित भी हैं. इनवायरमेंटल एक्टिविस्ट आशीष गर्ग का कहना है कि टनल पार्किंग कोई स्थायी समाधान नहीं है.
दरअसल, भू-गर्भीय दृष्टि से बेहद संवेदनशील पहाडों में अंडरग्राउंड सुरंगों के दुष्परिणाम भी सामने आते रहे हैं. टनल के ऊपर बसे गांवों में धंसाव, तो प्राकृतिक जल स्रोतों के सूख जाने की घटना रिपोर्ट होती रही है. लेकिन, जिस तरह से आबादी, टूरिस्ट और गाड़ियेां की तादाद बड़ रही है, उसमें टनल पार्किंग एक मजबूत विकल्प के रूप में उभरा है.