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पटना: बिहार में एक बार फिर मौसम करवट लेने वाला है। प्रदेश के ज्यादातर हिस्सों में रामनवमी के दिन से तीन दिनों तक तेज हवा, मेघगर्जन और ओला के साथ बारिश के आसार हैं। मौसम विभाग ने 30 मार्च से एक अप्रैल के बीच आंधी-बारिश का पूर्वानुमान जारी किया है। इसके मुताबिक दक्षिण-पश्चिम के 14 जिलों में ओला वृष्टि की आश़ंका है। वहीं, दो अप्रैल से मौसम सामान्य होगा। पूर्वानुमान के बाद आपदा और कृषि विभाग ने किसानों को सचेत करते हुए अलर्ट जारी किया है। मार्च माह में ही दूसरी बार मौसम खराब होने से रबी के साथ आम-लीची की फसल के नुकसान बढ़ने की आशंका है।
मौसम विभाग ने पूर्वानुमान जारी करते हुए कहा है कि राज्य के ज्यादातर जगहों पर तेज हवा और मेघ गर्जन के साथ हल्के से मध्यम स्तर (10 से 50 एमएम) की बारिश होने की आशंका है। इस दौरान हवा की गति 30 से 40 किमी प्रति घंटे रहने का अनुमान है। मौसम विभाग ने कहा है कि प्रदेश के कुछ स्थानों पर ओलावृष्टि भी हो सकती है। पूर्वानुमान के बाद आपदा प्रबंधन विभाग और कृषि विभाग ने किसानों को सचेत रहने की सलाह दी है। साथ ही पक चुकी रबी फसल की कटाई कर लेने और उसे सुरक्षित स्थान पर रखने की नसीहत दी गई है।
ओलावृष्टि से हो चुका है नुकसान
एक पखवाड़ा पहले भी आंधी-बारिश और ओलावृष्टि के चलते रबी फसल को भारी क्षति हुई थी। उत्तर बिहार के जिलों मुजफ्फरपुर, शिवहर, पूर्वी चंपारण और पश्चिमी चंपारण, समस्तीपुर सहित प्रदेश के ज्यादातर जिलों में ज्यादा नुकसान हुआ है। ओलावृष्टि से रबी फसल के अलावा आम-लीची को भी नुकसान पहुंचा है।
किसानों की बढ़ जाएगी फसल क्षति
प्रदेश का बदलता मौसम किसानों को फिर से डराने लगा है। पहले आई आंधी-बारिश में किसानों को भारी क्षति हो चुकी है। अब मौसम खराब होने पर नुकसान बढ़ सकता है। कारण प्रदेश के सभी जिलों में फसल कटनी शुरू हो चुकी है। इसलिए किसान सहमे हुए हैं।
क्षति का किया जा रहा आकलन
कृषि विभाग एक पखवाड़ा पहले हुई बारिश से फसल क्षति के आकलन में जुटा हुआ है। जिलों से रिपोर्ट मंगाई जा रही है। विभाग के सूत्रों का कहना है कि चूंकि कई दिनों तक रुक-रुककर आंधी-बारिश होती रही, इसलिए आकलन में देर हो रही है।
आपदा प्रबंधन व कृषि विभाग की किसानों को सलाह :
– फसल पक चुकी है तो कटाई कर लें।
– कटी हुई फसल को नमी से बचाने के लिए सुरक्षित स्थान पर रखें।
– यदि अनाज खुले स्थान पर हो तो तिरपाल आदि से ढंकने की व्यवस्था करें।
– खराब मौसम के दौरान बाहर नहीं निकलें, पशुओं को भी बाहर नहीं निकलने दें।
– खेत में काम करने के दौरान मेघगर्जन शुरू हो तो पक्के घर में शरण लें।
– मेघगर्जन होने पर किसी भी सूरत में पेड़ के नीचे खड़ा होने से बचें।