बिहार में इस तारीख से मिलेगी ठंड से राहत, इन 10 जिलों में बारिश के आसार; पढ़ें मौसम का ताजा हाल

There will be relief from cold in Bihar from this date, chances of rain in these 10 districts; Read the latest weather conditions
There will be relief from cold in Bihar from this date, chances of rain in these 10 districts; Read the latest weather conditions
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मुजफ्फरपुर। उत्तर बिहार के जिलों में सर्द पछिया बयार के तेज झोंकों के कारण ठंड की विदाई नहीं हो पा रही है। दिन में धूप निकलने के बाद भी सूर्य के तेवर नरम पड़ जा रहे हैं। इस बीच राहत भरी खबर है कि मौसम विभाग ने अगले चार दिनों में ठंड से राहत मिलने की संभावना जताई है। अधिकतम तापमान 22 डिग्री सेल्सियस के पार जाने की उम्मीद है। मौसम विभाग के अनुसार अब ठंड से धीरे-धीरे निजात मिलने की संभावना दिख रही है। शुक्रवार को सुबह से ही धूप निकली। इस बीच अधिकतम तापमानः 21.4 डिग्री सेल्सियस पर पहुंचा, जो सामान्य से 3.1 डिग्री कम रहा।

बिहार के 10 जिलों में बारिश के आसार
बसंत पंचमी (Basant Panchami) से ठीक पहले 2-13 फरवरी को पटना, भोजपुर, रोहतास, बक्सर, भभुआ, औरंगाबाद, अरवल इसके अलावा दक्षिण मध्य भागों के गया, नालंदा, शेखपुरा, नवादा, बेगूसराय, लखीसराय, जहानाबाद के एक या दो स्थानों पर हल्की बारिश की संभावना है।

न्यूनतम तापमान 6.9 डिग्री सेल्सियस रिकार्ड किया गया
न्यूनतम तापमान 6.9 डिग्री सेल्सियस रिकार्ड किया गया। यह भी सामान्य से 4.8 डिग्री कम बताया गया है। डा. राजेंद्र प्रसाद केंद्रीय कृषि विश्वविद्यालय के वरीय मौसम विज्ञानी डा. ए सत्तार ने बताया कि उत्तर बिहार के जिलों में अगले पांच दिनों तक हल्के बादल देखे जा सकते हैं। इस अवधि में तीन से पांच किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से पछिया हवा चलने की संभावना है। इससे धूप रहने के बावजूद लोगों को हल्की गुलाबी ठंड महसूस होगी। मौसम विज्ञानी के अनुसार अगले चार दिनों में अधिकतम तापमान 22 से 24 और न्यूनतम तापमान 11 से 14 डिग्री सेल्सियस के बीच रहने का अनुमान है। सापेक्ष आर्द्रता सुबह में 85 से 90 तथा दोपहर में 60 से 70 प्रतिशत रहेगी।

गरमा मौसम की सब्जियों की करें बुआई
मौसम विज्ञानी डा.सतार ने कहा कि गरमा मौसम की सब्जियों के लिए अगर खेतों में तैयारी हो चुकी है तो किसान बुआई शुरू कर सकते हैं। जिनके खेत तैयार नहीं हो पाए हैं, वैसे किसान तैयारी जल्दी करें। गरमा मौसम की सब्जियों के लिए विज्ञानी ने मौसम को अनुकूल बताया है। उन्होंने किसानों को सलाह दी है कि 150-200 क्विंटल प्रति हेक्टेयर की दर से गोबर खाद की मात्रा पूरे खेत में अच्छी प्रकार बिखेरकर मिला दें।

कजरा (कटुआ) पिल्लू से होने वाले नुकसान से बचाव हेतु खेत की जुताई में क्लोरपायरिफास 20 ईसी दवा का दो लीटर प्रति एकड़ की दर से 20-30 किलो बालू में मिलाकर व्यवहार करें। सब्जियों में निकाई-गुड़ाई एवं आवश्यकतानुसार सिंचाई करें। शुष्क मौसम की संभावना को देखते हुए किसान हल्दी एवं ओल की तैयार फसलों की खुदाई प्राथमिकता से कर सकते हैं। इस समय लहसुन व अगात बोई गई प्याज की फसल में थ्रिप्स कीट का प्रकोप अधिक होने संभावना रहती है, इसलिए निगरानी आवश्यक है।