मां के गर्भ में ही तय हो जाते हैं तकदीर के ये 5 फैसले, इन्‍हें बदल नहीं सकता इंसान

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नई दिल्‍ली. हर व्‍यक्ति अपनी किस्‍मत लेकर पैदा होता है, ये बात वाकई सच है. व्‍यक्ति की किस्‍मत का फैसला उसके पूर्व जन्‍म में किए कर्मों के आधार पर भी होता है. महान विद्वान आचार्य चाणक्‍य कहते हैं कि व्‍यक्ति के भाग्‍य से जुड़ी 5 चीजें तो ऐसी हैं, जो मां के गर्भ में ही तय हो जाती हैं. इसके बाद चाहकर भी उन्‍हें कभी नहीं बदल सकता है.

ये चीजें कभी नहीं बदल सकता इंसान
आचार्य चाणक्य ने चाणक्‍य नीति में कई ऐसी बातें लिखी हैं जिनकी प्रासंगिकता सदियां गुजरने के बाद भी खत्‍म नहीं हो सकती. इन्‍हीं में से कुछ बातें मनुष्‍य के जन्‍म और उसके भाग्‍य से भी जुड़ी हुई हैं. आचार्य चाणक्‍य ने 5 ऐसी चीजों के बारे में बताया है जिनका निर्धारण मां के गर्भ में ही हो जाता है. फिर शिशु जन्‍म लेने के बाद पूरी जिंदगी में भी इन चीजों को चाहकर भी कभी नहीं बदल सकता है. उसे तकदीर के इन फैसलों को मंजूर करना ही पड़ता है.

उम्र: आचार्य चाणक्‍य कहते हैं कि व्‍यक्ति की उम्र कितनी होगी, वह कितने साल जिएगा, इसका फैसला उसके मां के गर्भ में आते ही हो जाता है. फिर वह उतने ही साल जीता है, जितना उसकी तकदीर में लिख दिया जाता है.

सुख-दुख: व्‍यक्ति कैसा जीवन जियेगा उसका निर्धारण भी मां के गर्भ में ही हो जाता है. यह तय हो गया है कि व्‍यक्ति इतने साल कष्‍ट में या सुख में बिताएगा तो ऐसा ही होगा. उसे अपने हिस्‍से के सुख या दुख भुगतने ही होंगे.

विद्या और धन: ये 2 चीजें भी जन्‍म के पहले ही निर्धारित हो जाती हैं. इसलिए तमाम कोशिशों और मेहनत के बाद भी लोगों को निर्धनता में ही जीवन बिताना पड़ता है.

मृत्‍यु: मृत्‍यु का समय जन्‍म के पहले ही तय हो जाता है. इसे कोई भी व्‍यक्ति बदल नहीं सकता है. उसकी जब मृत्‍यु तय है, उसे उसी समय इस दुनिया से विदा लेना होगा. इसलिए हर व्‍यक्ति को अपने जीवन में बहुत अच्‍छे कर्म करने चाहिए, ताकि अगले जन्‍म में खूब सुख, समृद्धि और अच्‍छा भाग्‍य मिले.