भारत में अब इस बीमारी ने मचाया हडकंप, कोमा में जा रहे लोग, दवा भी बेअसर

This disease has now created panic in India, people are going into coma, even medicine is ineffective
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Health Alerts: भारत में एक बार फिर एक बीमारी ने तेजी से लोगों को अपनी चपेट में लेना शुरु कर दिया है. ये इतनी खतरनाक है कि इसमे मरीज दवा का ओवरडोज ले रहे हैं इसके बाद भी सेहत जस की तस बनी हुई है. बीमारी के नए-नए गंभीर लक्षण देखने को मिल रहे है. इसमें शरीर में प्लेटलेट्स कम होने लगते हैं. कभी नाक या मसूड़ों में दिक्कत होती है. तो कभी त्वचा पर लाल चकत्ते पड़ जाते हैं. अगर मरीज को समय रहते इलाज न मिले तो शरीर में लिक्विड की कमी हो जाती है. धीरे-धीरे ब्लड प्रेशर लो होने लगता है. कई बार मरीज कोमा में चला जाता है. हार्ट पर दबाव बढ़ने लगता है. इसलिए ऐसा कोई भी लक्षण दिखने पर बिना डॉक्टर की सलाह के कोई भी दवा न खाएं. आइए जानते हैं इसके बारे में.

तेजी से बढ़ रहे केस
मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो पटना के अलावा, मधेपुरा, सारण, लखीसराय, नालंदा, सुपौल और वैशाली जिलों में पांच नए मामले सामने आए, जिनमें से तीन सारण में थे। वहीं पिछले सप्ताह की बात करें तो पटना जिले में प्रति दिन औसतन 35 से 60 मामले दर्ज किए गए. इसके अलावा रविवार को 46, शनिवार को 46, शुक्रवार को 59, गुरुवार को 37 और बुधवार को सबसे ज्यादा 44 पॉजिटिव केस मिले थे. बढ़ते केस को देखते हुए स्वास्थ विभाग अलर्ट हो गया है.

यहां तेजी से फैल रही बीमारी

बिहार में डेंगू के मामलों में 30.7 प्रतिशत की वृद्धि हुई है. इस साल बिहार में अबतक डेंगू के 1,774 मामले मिले हैं. पिछले दिनों की बात करें तो राज्य भर में 48 नए मामले दर्ज किए गए हैं. वहीं बीते दिन पटना में डेंगू के सबसे ज्यादा 36 नए मामले मिले. इस साल बिहार में अब तक डेंगू के मरीजों की संख्या बढ़कर 832 पहुंच गई है.

4-5 घंटे पर दवा लेनी पड़ती है दवा
डेंगू के नए स्ट्रेन के लक्षण कोरोना की तरह हैं. इसमें भी शुरुआत के 3-4 दिन तक बुखार कम होने का नाम नहीं लेता है. बुखार इतना तेज आता है कि पैरासिटामोल 650 लेने पर भी कम नहीं होता है. कई बार मरीज को हर 4-5 घंटे पर दवा लेनी पड़ती है.

काली उल्टी कर रहे मरीज
ऐसे में दवा का ओवरडोज भी उनके लिए किसी खतरे से कम नहीं है. इस बार डेंगू के मरीज को काली उल्टी या काले मल की समस्या के साथ अस्पताल में भर्ती हो रहे हैं. आमतौर पर डॉक्टर प्रति दिन 15 मिलीग्राम पेरासिटामोल की तीन गोलियां प्रति किलोग्राम के हिसाब से लेने की सलाह देते हैं.