इस बार दो दिन मनाई जाएगी मकर संक्रांति, जाने क्‍यों

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ग्वालियर। बुधादित्य योग में केसरयुक्त कुमकुम का लेप कर पीले वस्त्र धारण कर हाथों में बज्र धारण किए संक्रांति का वाहन बाघ व उपवाहन अश्व उत्तर से दक्षिण की ओर गमन करेंगे।

ज्योतिषाचार्य सुनील चोपड़ा ने बताया कि सूर्य का मकर राशि में प्रवेश 14 जनवरी को होगा। परंतु पंचांगों में समय को लेकर भेद के चलते इस बार मकर संक्रांति दो दिन की रहेगी। यह स्थिति 14 जनवरी की रात आठ बजकर 58 मिनट पर सूर्य के मकर राशि में प्रवेश करने के कारण बन रही है। इसका पुण्यकाल अगले दिन यानी 15 जनवरी को दोपहर 12 बजकर 49 मिनट तक रहेगा। इस तरह मकर संक्रांति 14 और 15 को मनाई जाएगी।

ऐसे दें मकर संक्रांति पर सूर्य को अर्घ्य

ज्योतिषाचार्य डा. सतीश सोनी के अनुसार मकर संक्रांति पर पवित्र नदियों में स्नान कर तांबे के लोटे में शुद्ध जल लेकर उसमें रोली, अक्षत, लाल पुष्प तथा तिल और गुड़ मिलाकर पूर्व दिशा की ओर मुख करके खड़े हो जाएं। दोनों हाथों को ऊपर उठाकर सूर्यदेव को श्रद्धापूर्वक गायत्री मंत्र या ‘ऊं घृणि सूर्याय नम: श्री सूर्य नारायणाय अर्घ्य समर्पयामि” मंत्र के साथ अर्घ्य दें।

संक्रांति पर है तिल का है विशेष महत्व

ज्योतिषाचार्य राजेश पुरी ने बताया कि मकर संक्रांति के दिन तिल का विशेष महत्व होता है। इस दिन पुण्यकाल में श्वेत तिल से उबटन कर स्नान करना चाहिए। साथ ही तिल का हवन, तिल से तर्पण, तिल युक्त वस्तुओं का दान एवं सेवन करना चाहिए। श्वेत तिल से देवताओं का तथा काले तिल से पितरों का तर्पण करना चाहिए।

भारत के राज्यों में अलग-अलग नामों से मनाया जाता है पर्व

मकर संक्रांति को उत्तर प्रदेश में खिचड़ी पर्व के नाम से मनाया जाता है। गुजरात और राजस्थान में उत्तरायण पर्व के रूप में मनाया जाता है। इस दिन दोनों ही राज्यों में बड़े धूम-धाम से पतंग उत्सव होता है। तमिलनाडु में ये पोंगल के नाम से और पश्चिम बंगाल में इसे भोगली बिहू के नाम से मनाया जाता है।

संक्रांति का राशिगत फल

वृश्चिक राशि: पराक्रम भाव में बनने वाला यह योग इस राशि के जातकों को अदम्य साहसी और पराक्रमी बनाएगा। विद्यार्थियों के लिए यह योग बेहतर रहेगा।

धनु राशि: द्वितीय कुटुंब भाव में बनने वाला यह योग इस राशि के जातकों को आकस्मिक धन प्राप्ति का मौका देगा। साथ ही दूसरों को दिया गया धन भी वापस आएगा।

वृषभ राशि: भाग्य भाव में बन रहा गोचर इस राशि के जातकों के लिए व्यापार की दृष्टि से उत्तम रहेगा।

मीन राशि: लाभ भाव में बनने वाला चतुर्ग्रही योग इस राशि के जातकों की आय में वृद्धि करेगा। साथ ही व्यापारियों के लिए काफी शुभ रहेगा।

मिथुन राशि: अष्टम भाव में बन रहे चतुर्ग्रही योग से इस राशि के जातकों के मान-सम्मान की वृद्धि होगा। समाज में पद प्रतिष्ठा भी बढ़ेगी।

मेष राशि: दशम भाव में बन रहे चतुर्ग्रही योग से इस राशि के जातकों को नौकरी में पदोन्नाति के साथ, व्यापारी वर्ग के लिए यह योग उत्तम रहेगा।

मकर राशि : इस राशि में बन रहा चतुर्ग्रही योग विद्यार्थियों के लिए बेहद शुभ रहेने वाला है।

कर्क राशि: सप्तम भाव में बन रहा चतुर्ग्रही योग इस राशि के जातकों को नौकरी में पदोन्नाति दिलाएगा। मान-सम्मान में वृद्धि के भी योग बन रहे हैं।

सिंह राशि: छठवें ऋण-रोग और शत्रु भाव में बनने वाला यह योग इस राशि के जातकों को कोर्ट कचहरी के मामलों का निर्णय पक्ष में दिलाएगा।

कुंभ राशि: बारहवें भाव में बन रहा चतुर्ग्रही योग इस राशि के जातकों को आर्थिक तंगी के साथ स्वास्थ्य की दृष्टि से सही नहीं है।

कन्या राशि: जातकों के पंचम भाव में बनने वाला योग व्यापारियों के लिए बेहतर रहेगा। इस दौरान जातक नए कार्य या व्यापार शुरू कर सकते हैं।

तुला राशि: चतुर्थ भाव में बनने वाला चतुर्ग्रही योग से जमीन जायदाद से जुड़े मामलों का निपटारा होगा।