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शिमला: हिमाचल प्रदेश सरकार ने डाक्टरों के तबादलों पर एक बार फिर रोक लगा दी है। विशेष परिस्थितियों में ही मुख्यमंत्री की अनुमति से तबादले हो सकेंगे। नर्सों और फार्मासिस्ट के लिए भी यही व्यवस्था रहेगी। हिमाचल में कोरोना के मामलों में कमी आई है।
इसके बाद डाक्टर और अन्य पैरामेडिकल स्टाफ मनपसंद स्टेशन में सेवाएं देना चाहते हैं। इसलिए विधायकों और नेताओं के नोट लगाकर तबादलों की सिफारिश की जा रही है। सरकार के पास तबादलों की फाइलें आ रही हैं, लेकिन इन्हें पेंडिंग में डाला जा रहा है। अदला-बदली में भी तबादले नहीं होंगे।
सरकार का मानना है कि प्रदेश में अभी कोरोना खत्म नहीं हुआ है। पहले जहां 50 से 70 के बीच मामले आ रहे थे, वहीं अब इनकी संख्या सौ से ऊपर जा रही है। अक्तूबर में कोरोना की तीसरी लहर आने की आशंका है। स्वास्थ्य महकमा इससे निपटने की तैयारियों मेें जुटा है। अस्पतालों में बच्चों के वार्ड बनाए जा रहे हैं। ऑक्सीजन युक्त बिस्तरों की व्यवस्था की जा रही है।
फील्ड में पिडियाट्रिक्स विभाग के डाक्टरों को भेजा जा रहा है। इसके अलावा गांव में जाकर बीमार बच्चों का सर्वे किया जा रहा है। ऐसे में सरकार स्टाफ को इधर-उधर नहीं करता चाहती है। विभाग का मानना है कि इससे व्यवस्था पर असर पड़ेगा।
स्वास्थ्य विभाग में मुख्यमंत्री की अनुमति के बाद ही तबादले किए जाएंगे। कोरोना काल है, प्रतिदिन मामले आ रहे हैं। जहां डॉक्टर और पैरामेडिकल स्टाफ तैनात किया है, उन्हें वहीं सेवाएं देनी होंगी।