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हरिद्वार: उत्तराखंड (Uttarakhand) के कुछ विशेष क्षेत्र में डेमोग्राफिक परिवर्तन (Demographic Changes) पर राज्य सरकार ने चिंता जताई है. राज्य के सीएम पुष्कर सिंह धामी (Pushkar Singh Dhami) ने कहा, ‘लंबे समय से चर्चा चल रही है कि राज्य में कुछ इस प्रकार के लोग आकर बस गए हैं जिससे डेमोग्राफिक परिवर्तन देखने को मिल रहा है, जिसकी जांच होनी चाहिए.’ हालांकि सीएम ने साफ कहा है कि ये जांच किसी को निशाना बनाने के लिए नहीं की जा रही है.
अजेंद्र अजय ने सीएम को लिखी थी चिट्ठी
दरअसल, डेमोग्राफिक परिवर्तन की वजह से कुछ क्षेत्रों में एक समुदाय के लोगों के पलायन की खबरें आ रही हैं. बीजेपी नेता अजेंद्र अजय (Ajendra Ajay) ने कुछ महीनों पहले मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को एक चिट्ठी लिखी थी. इसमें उन्होंने पहाड़ी और पूजा स्थलों के आसपास एक खास समुदाय के जमीन खरीदने पर आपत्ति जताई थी और उन्होंने इस पूरे मामले को ‘लैंड जेहाद’ करार दिया था. इसी पत्र पर अब सरकार ने जवाब दिया है.
डीएम-एसएसपी को कार्रवाई करने के निर्देश
बीते शुक्रवार को सरकार की तरह से जारी एक बयान में बताया गया, ‘राज्य के कुछ क्षेत्रों में तेजी से जनसंख्या वृद्धि के कारण डेमोग्राफिक परिवर्तन आया, जिसका दुष्परिणाम कुछ समुदायों के लोगों के प्रवास के रूप में दिखना शुरू हो गया. कुछ जगहों पर सांप्रदायिक माहौल खराब होने की आशंका है. सरकार ने स्थिति पर चिंता व्यक्त करते हुए डीजीपी, सभी जिलों के डीएम और एसएसपी को समस्या के समाधान के लिए एहतियाती कदम उठाने का निर्देश दिया है.’
बयान में कहा गया कि सरकार ने विभिन्न क्षेत्रों में शांति समितियों के गठन का आह्वान किया है. पुलिस और जिला अधिकारियों को ऐसे क्षेत्रों को चिह्नित करने और असामाजिक तत्वों के खिलाफ सख्त कार्रवाई सुनिश्चित करने के लिए कहा गया है. उन्हें उन लोगों की जिलेवार सूची तैयार करने को भी कहा गया है जो दूसरे राज्यों से आए हैं और जिनका आपराधिक इतिहास है.
वोटर कार्ड और मूल निवास का होगा वेरिफिकेशन
राज्य के बाहर से आने वाले और इन क्षेत्रों में रहने वाले आपराधिक रिकॉर्ड वाले लोगों की सूची भी उनके मूल निवास स्थान का सत्यापन करने के बाद तैयार की जानी चाहिए. डीएम को ऐसे क्षेत्रों में अवैध भूमि सौदों पर नजर रखने और यह देखने के लिए कहा गया है कि लोग डर या दबाव में अपनी जमीन न बेचें. जाली पहचान पत्र या मतदाता पहचान पत्र प्राप्त करने वाले विदेशी मूल के लोगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जानी चाहिए. ऐसे लोगों का रिकॉर्ड तैयार किया जाना चाहिए और कानूनी प्रावधानों के अनुसार उनके खिलाफ कार्रवाई की जानी चाहिए.