उत्तराखंड कोरोना अपडेट: आज मिले इतने नए केस

Uttarakhand Corona Update: So many new cases found today
Uttarakhand Corona Update: So many new cases found today
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देहरादून। उत्तराखंड में बीते 24 घंटे में 17 नए कोरोना संक्रमित मिले हैं। वहीं, एक  भी मरीज की मौत नहीं हुई है। जबकि 20 मरीजों को ठीक होने के बाद घर भेजा गया। सक्रिय मामलों की संख्या 249 पहुंच गई है। जबकि बुधवार को प्रदेश में 256 सक्रिय मामले थे।

स्वास्थ्य विभाग की ओर से जारी बुलेटिन के अनुसार, गुरुवार को 16274 सैंपलों की जांच रिपोर्ट निगेटिव आई है। चार जिलों बागेश्वर, चमोली, पौड़ी और ऊधमसिंह नगर में एक भी संक्रमित मरीज नहीं मिला है। वहीं, अल्मोड़ा, चंपावत, हरिद्वार, नैनीताल और टिहरी में एक -एक, देहरादून में छह, पिथौरागढ़ , रुद्रप्रयाग और उत्तरकाशी में दो-दो मरीज मिले हैं।

प्रदेश में अब तक कोरोना के कुल संक्रमितों की संख्या 343445 हो गई है। इनमें से 329715 लोग ठीक हो चुके हैं। प्रदेश में कोरोना के चलते अब तक कुल 7391 लोगों की जान जा चुकी है। प्रदेश की रिकवरी दर 96 प्रतिशत और संक्रमण दर 0.10 प्रतिशत दर्ज की गई है।
कोविड टीकाकरण में तेजी, लक्ष्य हुआ कम
प्रदेश में कोविड टीकाकरण में तेजी आई है। इससे 31 दिसंबर तक शत प्रतिशत टीकाकरण का लक्ष्य कम हो रहा है। अब हर दिन 60 हजार से कम लोगों को वैक्सीन की डोज लगानी होगी। पिछले 10 दिन में राज्य में 787390 लोगों को वैक्सीन लगाई गई।

राज्य में अब तक एक करोड़ से ज्यादा लोगों को कोविड वैक्सीन लगाई जा चुकी है। वैक्सीनेशन में लगातार तेजी के चलते अगले 100 दिन का प्रतिदिन का लक्ष्य भी कम हुआ है। 31 दिसंबर तक शत प्रतिशत लोगों को वैक्सीन लगवाने के लिए अब प्रत्येक दिन 59470 डोज लगानी होगी।

सोशल डेवलपमेंट फॉर कम्युनिटी फाउंडेेशन की ओर से टीकाकरण विश्लेषण रिपोर्ट जारी की गई। 22 सितंबर तक राज्य में 18 वर्ष से ज्यादा उम्र के 72.77 लाख लोगों को पहली डोज और 28.76 लाख को दोनों डोज वैक्सीन दी जा चुकी है। अब तक कुल 1.01 करोड़ को वैक्सीन दी जा चुकी हैं।

स्वास्थ्य विभाग के आंकड़ों के अनुसार राज्य में कोविड वैक्सीन की जरूरत वाले 18 से 44 वर्ष के लोगों की संख्या 49.34 लाख और 45 वर्ष से ज्यादा उम्र के लोगों की संख्या 27.95 लाख से अधिक  है। इसके अलावा राज्य में पंजीकृत हेल्थ केयर वर्करों की संख्या 1.28 लाख और फ्रंट लाइन वर्करों की संख्या 1.93 लाख से अधिक है।

एसडीसी फाउंडेशन के अध्यक्ष अनूप नौटियाल ने बताया कि बीते 10 दिनों में प्रतिदिन के लक्ष्य में कुछ कमी आई है। अब तक वैक्सीनेशन का आंकड़ा एक करोड़ पार कर चुका है। अब 100 दिन में हर दिन 59470 लोगों को वैक्सीन लगानी होगी।
गैर कोरोना मरीजों को नहीं मिल रही आईसीयू की सुविधा
राजकीय दून मेडिकल अस्पताल में गैर कोरोना मरीजों को जरूरत पड़ने पर भी आईसीयू की सुविधा नहीं मिल पा रही है। जबकि, अस्पताल में कोरोना की दूसरी लहर में कोरोना मरीजों के लिए वेंटीलेटर युक्त लगभग 100 आईसीयू बेड तैयार किए गए थे। अब इन आईसीयू बेड को कोरोना मरीजों के लिए आरक्षित होने की बात कहकर नॉन कोविड मरीजों को भर्ती नहीं किया जा रहा है।

दून अस्पताल के सामान्य आईसीयू वार्ड में बृहस्पतिवार को आठ मरीज भर्ती थे। सामान्य आईसीयू वार्ड में आठ बेड हैं। जबकि, कोविड वार्ड में दो कोरोना संक्रमित और दूसरे में तीन कोरोना संदिग्ध मरीज भर्ती हैं। आईसीयू बेड की उपलब्धता होने के बावजूद अस्पताल के कुछ डॉक्टर जरूरतमंद मरीजों को आईसीयू सुविधा नहीं दे रहे हैं। इससे आर्थिक रूप से कमजोर मरीजों को ज्यादा दिक्कत हो रही है। कुछ दिन पहले सड़क दुर्घटना में घायल हुए एक मरीज को गंभीर हालत बताते हुए डॉक्टरों ने भर्ती करने से इनकार कर दिया। मजबूरन परिजनों को मरीज को एक निजी अस्पताल में ले जाना पड़ा। जहां इलाज पर ढाई लाख रुपये तक का खर्च पहुंच गया।

मरीज के परिवार की आर्थिक स्थिति ठीक न होने पर उन्होंने फिर दून अस्पताल में संपर्क किया, लेकिन डॉक्टरों ने आईसीयू बेड खाली होने से इनकार कर दिया। प्राचार्य डॉ. आशुतोष सयाना तक मामला पहुंचा तो उनके हस्तक्षेप के बाद मरीज को आईसीयू में भर्ती कराया गया। हालांकि, बृहस्पतिवार को इस मरीज की मौत हो गई। प्राचार्य डॉ. सयाना ने कहा कि डॉक्टरों को निर्देश दिए हैं कि जब तक कोरोना के मरीज कम हैं, ऐसे में नॉन कोविड मरीज जिन्हें आईसीयू की जरूरत है उन्हें कोरोना मरीजों से अलग आईसीयू बेड उपलब्ध कराया जाए।
अस्पतालों में बढ़ रहे मरीज, कोरोना नियमों की अनदेखी
बरसाती सीजन में शहर के विभिन्न सरकारी और निजी अस्पतालों में मरीजों की संख्या बढ़ रही है। भीड़ बढ़ने की वजह से ज्यादातर अस्पतालों में कोरोना गाइडलाइन की अनदेखी हो रही है। डॉक्टरों का कहना है कि यह स्थिति खतरनाक हो सकती है। डॉक्टरों की अपील है कि सामान्य या किसी भी तरह की बीमारी का इलाज कराने अस्पताल पहुंच रहे हैं तो कोविड नियमों का पालन करें।

आजकल शहर के अस्पतालों में अधिकतर मरीज कॉमन फ्लू के पहुंच रहे हैं। अस्पतालों की ओपीडी के साथ ही वार्डों में भर्ती मरीज भी बढ़ रहे हैं। शहर के सबसे बड़े राजकीय दून मेडिकल अस्पताल, जिला कोरोनेशन व गांधी शताब्दी अस्पताल समेत विभिन्न अस्पतालों में मरीजों की संख्या पिछले कुछ दिन से अचानक बढ़ी है। इन सब के बीच सबसे बड़ी चिंता की बात यह है कि भीड़ बढ़ने के कारण कोरोना गाइडलाइन का पूरी तरह से पालन नहीं हो रहा है।

राजकीय दून मेडिकल अस्पताल के चिकित्सा अधीक्षक डॉ. केसी पंत ने बताया कि आजकल सर्दी, खासी, जुखाम, बुखार, बदन दर्द जैसे कॉमन फ्लू के मरीज ज्यादा आ रहे हैं। अस्पताल में मरीजों को लगातार सोशल डिस्टेंसिंग और मास्क पहने रखने जैसे नियमों का पालन करने के लिए जागरूक किया जाता रहता