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देहरादून। उत्तराखंड परिवहन विभाग डग्गामारी पर लगाम लगाने के लिए केंद्रीयकृत नियंत्रण कक्ष बनाएगा। इसके तहत प्रदेश की सीमाओं व शहरों के भीतर एएनपीआर (आटोमेटेड नंबर प्लेट रिकगनिशन) कैमरे लगाए जाएंगे, जो अवैध रूप से आने वाले वाहनों पर नजर रखेंगे। इन्हें नियंत्रण कक्ष से जोड़ा जाएगा। इसके जरिये अवैध वाहनों की सूचना प्रवर्तन दलों को भेजी जाएगी, जो इनके खिलाफ कार्रवाई करेगा।
मुख्य सचिव एसएस संधु ने गुरुवार को सचिवालय में परिवहन विभाग की समीक्षा की। उन्होंने परिवहन विभाग और परिवहन निगम को अपग्रेड करने के साथ ही अन्य राज्यों के परिवहन विभाग की अच्छी पहल का अध्ययन करते हुए प्रदेश में लागू करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि डग्गामारी को रोकने के लिए ठोस कदम उठाए जाएं।
पिछले दिनों विभाग द्वारा इस दिशा में अच्छा काम किया गया है, जिसके सार्थक परिणाम देखने को मिले हैं। इससे निगम की बसों में सवारियों की संख्या बढ़ी है। उन्होंने कहा कि परिवहन निगम अब राजस्व को बढ़ाने के लिए बसों के फेरे बढ़ाने का प्रयास करे। मैदानी क्षेत्रों में सीएनजी एवं इलेक्ट्रिक बसों को चलाने पर फोकस किया जाए।
उन्होंने कहा कि परिवहन निगम की बसों में बिना टिकट यात्रा और डीजल चोरी पर भी लगाम लगाने की आवश्यकता है। उन्होंने बसों को दुरुस्त रखने के लिए वर्कशाप के आधुनिकीकरण पर भी ध्यान देने के निर्देश दिए। बैठक में अपर मुख्य सचिव राधा रतूड़ी, मनीषा पंवार, सचिव परिवहन डा रंजीत सिन्हा, प्रबंध निदेशक परिवहन निगम डा नीरज खैरवाल समेत अन्य अधिकारी उपस्थित थे।
मुख्य सचिव एसएस संधु ने सड़क सुरक्षा निधि की बैठक में सड़क सुरक्षा से संबंधित विभागों के लिए 17.67 करोड़ रुपये स्वीकृत किए। इसके तहत प्रवर्तन कार्यों के लिए नए वाहन व उपकरणों की खरीद के लिए पुलिस विभाग को 5.66 करोड़ रुपये स्वीकृत किए गए हैं। सड़कों के रखरखाव, सुधारीकरण और ब्लैक स्पाट को दुरुस्त करने के लिए लोक निर्माण विभाग को 5.60 करोड़ रुपये की स्वीकृति दी गई है।
सड़क सुरक्षा को लेकर प्रचार, प्रयास और जागरूकता कार्यक्रमों के लिए शिक्षा विभाग को 15 लाख रुपये स्वीकृत किए गए हैं। प्राथमिक उपचार की दवा व उपकरण के लिए स्वास्थ्य विभाग को 1.5 करोड़ रुपये जारी करने की स्वीकृति दी गई है। परिवहन विभाग को उपकरण व सड़क सुरक्षा के कार्यों को 4.85 करोड़ रुपये स्वीकृत किए गए हैं।