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पटना: बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के पिछले कुछ दिनों के बयानों पर नजर डाली जाए तो ऐसा लग रहा है कि राज्य की सियासत का रुख तेजी से बदल रहा है। पटना में गुरुवार को मीडिया से बात करते हुए सीएम नीतीश कुमार का अंदाज काफी अलग नजर आया। वहीं पास में ही खड़े डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव खासा नाखुश दिखाई दे रहे थे।
ऐसे में चर्चा है कि जल्द चाचा-भतीजे की जोड़ी टूट सकती है, क्योंकि नीतीश कुमार फिर से एनडीए में शामिल हो सकते हैं। दरअसल, मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से गुरुवार को जब पत्रकारों ने महिला आरक्षण विधेयक को लेकर सवाल पूछा तो उन्होंने जवाब में कहा, ”हम चाहते हैं कि इसे (महिला आरक्षण विधेयक) को तेजी से लागू किया जाए।”
सीएम नीतीश ने कहा कि इसे तो बहुत पहले ही हो जाना चाहिए था, पता नहीं इतनी देर क्यों की गई। साल 2024 का क्या, इस बिल को तो तुरंत लागू कर देना चाहिए। क्या दिक्कत है, तुरंत कर देना चाहिए। उन्होंने आगे कहा कि देर से लागू होगा, लेकिन जब भी हो जाए ठीक है, महिलाओं को इसका लाभ मिलेगा।
आईएनडीआईए की खबरों में बेखबर सीएम
नीतीश कुमार से जब माकपा के महासचिव सीताराम येचुरी से मुलाकात को लेकर सवाल पूछा गया तो उन्होंने कहा कि इस पर अभी हम कुछ नहीं कहेंगे। सब जानते हैं कि विपक्षी दल नेताओं में कुछ मुद्दों को लेकर एकता बनी है। हम मिलते हैं, बातचीत करते हैं और कुछ फैसले भी लेते हैं। वे सब आपको समय-समय पर पता चल ही जाते है।
भोपाल की रैली रद्द, नीतीश को नहीं खबर!
हैरानी की बात यह थी कि जब सीएम नीतीश कुमार से आईएनडीआईए गठबंधन की भोपाल में प्रस्तावित रैली के रद्द होने के बारे में पूछा गया तो वह एकदम बेखबर नजर आए। नीतीश के इस बदले-बदले अंदाज के साथ ही एक बात और नजर आई। वहीं पास में खड़े तेजस्वी यादव काफी उदास और नाखुश से दिखे। जैसे कि तेजस्वी को बिहार की राजनीति में होने वाले संभावित बड़े बदलाव का अंदेशा हो गया हो।
पीएम का नीतीश का फोटो पोस्ट करना
दिल्ली में आयोजित जी-20 समिट के मौके पर राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू की ओर से डिनर पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात हुई, जिसका फोटो खुद पीएम ने अपने सोशल मीडिया पर पोस्ट किया।
इसके बाद नीतीश के फिर से एनडीए में शामिल होने की सुगबुगाहट शुरू हुई, जिसे केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के बिहार दौरे पर नीतीश कुमार के प्रति बदले स्वर ने और हवा दे दी।
बता दें कि सितंबर 2022 के बाद से हुईं छह जनसभाओं में गृह मंत्री अमित शाह यह बात बार-बार दोहराते रहे कि नीतीश के लिए राजग (एनडीए) के दरवाजे हमेशा-हमेशा के लिए बंद हो चुके हैं, जबकि इस बार शाह ने मंच से यह बात नहीं कही। इतना ही नहीं, उन्होंने सीधे-सीधे नीतीश कुमार पर हमला भी नहीं बोला।