यूपी: बीजेपी जल्द करेगी नए प्रदेश अध्यक्ष की घोषणा, ब्राह्मण या दलित, किसे दिया जाएगा मौका?

UP: BJP will soon announce new state president, Brahmin or Dalit, who will be given a chance?
UP: BJP will soon announce new state president, Brahmin or Dalit, who will be given a chance?
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लखनऊ. जल्द ही उत्तर प्रदेश में बीजेपी को नया अध्यक्ष मिलने वाला है. चर्चा है कि 17 अगस्त के बाद कभी भी नए अध्यक्ष का ऐलान हो सकता है. बीजेपी के अंदरूनी सूत्रों की मानें तो सबसे तगड़ी दावेदारी इस बार ब्राह्मण समाज की है क्योंकि नए संगठन मंत्री ओबीसी समाज से बनाए जाने के बाद उत्तर प्रदेश के सामाजिक समीकरण में प्रदेश अध्यक्ष या तो ब्राह्मण या दलित के होने की उम्मीद सबसे ज्यादा है.

यूपी में बीजेपी का अगला अध्यक्ष कौन?

जिन नामों की सबसे ज्यादा चर्चा है उसमें हरीश द्विवेदी, योगेंद्र उपाध्याय शामिल हैं. इनके अलावा ब्राह्मण नामों में सतीश गौतम और सुब्रत पाठक का नाम भी खासा चर्चा में है.

17 अगस्त को सुनील बंसल की जगह धर्मपाल सिंह सैनी यूपी के संगठन महामंत्री का पद संभाल लेंगे. वहीं 17 तारीख के बाद सुनील बंसल भी राष्ट्रीय महामंत्री संगठन के पद पर दिल्ली चले जाएंगे और यही उम्मीद की जा रही है कि 17 अगस्त को या फिर 17 अगस्त के बाद कई राज्यों के प्रदेश अध्यक्ष के नामों का ऐलान होगा जिसमें सबसे महत्वपूर्ण उत्तर प्रदेश है. इसके अलावा बिहार और झारखंड के प्रदेश अध्यक्ष के नाम का भी ऐलान हो सकता है.

समीकरण क्या कहानी बता रहे?

योगेंद्र उपाध्याय योगी सरकार में कैबिनेट मंत्री हैं और ब्रज क्षेत्र से आते हैं जबकि सुब्रत पाठक कन्नौज से सांसद हैं. हरीश द्विवेदी बस्ती के सांसद हैं जबकि सतीश गौतम अलीगढ़ से सांसद हैं.

ऐसे में ब्राह्मण नामों की चर्चा खूब है और उसकी वजह भी है, दरअसल बीजेपी के संगठन महामंत्री सैनी बिरादरी से हैं जो कि ओबीसी का एक बड़ा तबका है जो बीजेपी के साथ पिछले लगभग एक दशक से मजबूती के साथ खड़ा है.

वहीं केशव प्रसाद मौर्या को भी बीजेपी ने विधान परिषद में सदन का नेता बना दिया है. इसके बाद अब चर्चा ब्राह्मणों को साधने की है और ऐसा माना जा रहा है कि कोई ब्राह्मण चेहरा प्रदेश अध्यक्ष के तौर पर बीजेपी आगे कर सकती है.

केशव प्रसाद मौर्य का बढ़ता कद

2024 को लेकर बीजेपी सधी तैयारी के साथ कदम रख रही है, सभी पदों को लेकर सामाजिक समीकरण साधने की कवायद दिख रही है. इसमें केशव प्रसाद मौर्य को भी काफी महत्व दिया जा रहा है.

डिप्टी सीएम के बाद अब उन्हें ऊपरी सदन में नेता सदन बना दिया गया. संगठन महामंत्री का पद सुनील बंसल ने उत्तर प्रदेश में इतना बड़ा कर दिया कि संगठन का ये पद पार्टी और सरकार के बराबर में आकर खड़ा हो गया.

ऐसे में संगठन महामंत्री का जिम्मा एबीवीपी से निकल कर आए धर्मपाल सिंह को दिया गया जो सैनी समाज से आते हैं. अब तमाम चर्चा इस बात पर आकर टिकी है कि यूपी में बीजेपी का प्रदेश अध्यक्ष ब्राह्मण होगा या दलित?