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आगरा। आगरा के दयालबाग इलाके में राधास्वामी सत्संग सभा की समानांतर सरकार है। स्पेशल प्रोटेक्शन ग्रुप (एसपीजी), रैपिड एक्शन फोर्स (आरएएफ), क्विक रिस्पांस टीम (क्यूआरटी) से लेकर फौजी विंग तक हैं। ये संघर्ष के लिए हरदम तैयार रहती हैं। महिलाओं, बच्चों व छात्र-छात्राओं को सेवा के नाम पर लाठी-डंडों से लेकर हथियारों तक का प्रशिक्षण दिया जा रहा है।
दयालबाग में भगवान टॉकीज से लेकर खेलगांव व आसपास बसे नगला तल्फी, खासपुर, जगनपुर, मनोहरपुर, सिकंदरपुर, जगन्नाथपुर, बूढ़ी का नगला तक करीब 10 वर्ग किमी. क्षेत्रफल में सत्संगियों ने अपनी सत्ता कायम कर रखी है। 100 से अधिक ग्रुप बने हैं जो चप्पे-चप्पे पर नजर रखते हैं।
कम्युनिकेशन के लिए निजी वायरलेस सिस्टम हैं। व्हाट्सएप व टेलीग्राम पर ग्रुपों में लगातार सत्संगियों को हर वक्त किसी भी संघर्ष से निपटने के लिए तैयार रहने के निर्देश हैं। यही वजह है कि बार-बार पुलिस और प्रशासन को सत्संगियों के आगे मुंह की खानी पड़ रही है।
2021 में सरकारी रास्ते को सत्संगियों ने दीवार बनाकर बंद किया था। तत्कालीन जॉइंट मजिस्ट्रेट लक्ष्मी एन सिंह जब अतिक्रमण हटवाने पहुंचीं तो सत्संगियों ने पुलिस व प्रशासनिक टीम पर हमला बोल दिया। तत्कालीन डीएम प्रभु एन सिंह ने सत्संगियों के विरुद्ध एफआईआर दर्ज कराई, तो सत्संगियों ने थाना घेर लिया था।
इससे पहले 2020 में जॉइंट मजिस्ट्रेट एम अरुन्मोली भी सत्संगियों की अभ्रदता का शिकार बनीं थीं। ऐसे में शासन-प्रशासन की लचर कार्यशैली, निर्णय क्षमता और कानून के राज पर ही सवाल खड़े हो रहे हैं। ग्रामीणों का आरोप है कि पिछले 24 घंटे में सत्संगियों ने साबित करने का प्रयास किया है कि वह पुलिस-प्रशासन और शासन को नहीं मानते।
पूर्व सैन्य अधिकारी दे रहे प्रशिक्षण
राधास्वामी सत्संग सभा से जुड़े पूर्व सैन्य अधिकारी सत्संगियों को संघर्ष के लिए प्रशिक्षित कर रहे हैं। उन्हें हथियार से लेकर लाठी-डंडे व अन्य अस्त्र-शस्त्र चलाने के लिए प्रशिक्षित करते हैं। निजी एसपीजी गाड़ियों से क्षेत्र में गश्त करती हैं। क्यूआरटी व आरएएफ हर आपात स्थिति से निपटने के लिए अलर्ट मोड पर रहती है।
‘हम सोचते थे यहां होता है सत्संग ये तो पत्थर चला रहे’
आगरा में दयालबाग में शाम को बवाल हो गया। पुलिस सत्संगियों को खदेड़ रही थी, सत्संगी पत्थर बरसा रहे थे। महिलाएं, युवा सभी शामिल थे। इससे आसपास कॉलोनियों में भी दहशत रही। गणेश बाग निवासी जगदीश हिरानी ने बताया कि हम तो सोचते थे कि ये लोग सत्संग करते हैं। यहां तो पुलिस पर पत्थर चला रहे हैं।
उन्होंने बताया कि हमसे ज्यादा बाहर रह रहे हमारे बच्चे डरे हुए हैं। पल-पल फोन कर पूछ रहे हैं। दयालबाग मार्केट जाकर दूध का पैकेट लाने में भी डर लग रहा है। पथराव देख हमारी कॉलोनी से कोई नहीं निकला। सब लोग घूम कर कमला नगर मार्केट से सामान ला रहे हैं।
वैष्णो धाम की साक्षी सिंह ने बताया कि हम तो टीवी में देखते थे कि जम्मू-कश्मीर में पत्थर फेंकते हैं आर्मी के लोगों पर। आज हकीकत में देखा पत्थरबाज कैसे होते हैं। पूरी कॉलोनी में दहशत है।