भाजपा सरकार ने वेस्ट यूपी के लिए बनाया खास प्लान, इस तरह देंगे विपक्षियों को मात

इस खबर को शेयर करें

मेरठ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने दो दिन में वेस्ट यूपी के सात जिलों का दौरान कर सरकारी खजाना खोल दिया है। उन्होंने आम जनता को भरोसा दिया कि अगर यहां से बीजेपी को जिताएंगे तब विकास के द्वार खुल जाएंगे। दरअसल सीएम योगी का प्लान है कि 2017 में हारी बाजी को 2022 की जात में बदला जाए।

2017 में बीजेपी ने 325 सीट जीती थी। वेस्ट यूपी की 14 जिलों की 71 में से 54 सीटों पर बीजेपी विजयी रही थी। 2017 में वेस्ट यूपी में मेरठ शहर, धौलाना, सहारनपुर देहात, बेहट, कैराना, मुरादाबाद देहात ठाकुरद्वारा, कुंदरकी, बिलारी, रामपुर, चमरव्वा, स्वार, अमरोहा, नजीबाबाद, नगीना, छपरौली सीट पर बीजेपी हार गई थी। उसमें से बिजनौर के नूरपुर उपचुनाव में बीजेपी हार गई थी।

मीरापुर सीट जीते लेकिन विधायक ने दिया इस्तीफा
हालांकि बागपत की छपरौली में हारने के बाद वहां के विधायक को बाद में बीजेपी में शामिल कर लिया था। मुजफ्फरनगर की मीरापुर सीट से बीजेपी जीती, लेकिन वहां के विधायक अवतार सिंह भड़ाना ने इस्तीफा दे दिया था, जिसे स्वीकार करने को लेकर असमंजस रहने के कारण वहां उपचुनाव नहीं हो सका था। अब योगी का इन सीटों पर फोकस हैं। वह इन जिलों में ताबड़तोड़ दौरे कर रहे हैं।

यूपी की कुल 80 सीटों पर फोकस
बीजेपी ने इस बार 350 सीट जीतने का लक्ष्य रखा है। 2017 का ‘अबकी बार 300 पार’ का नारा चेंज कर 2022 में ‘अबकी बार 350 पार’ कर दिया हैं। इस बार पार्टी का पहला फोकस यूपी की कुल 80 सीटों और वेस्ट यूपी की 17 सीटों पर है। सीएम योगी ने वेस्ट यूपी के सात जिलों में 21-22 सितंबर को दौरा किया।

21 सितंबर को मुख्यमंत्री मुरादाबाद पहुंचे, फिर बिजनौर गए। बाद में संभल में दस्तक दी। रात में गाजियाबाद जाकर जीत का गणित तय किया। 22 सितंबर को ग्रेटर नोएडा पहुंचे। हापुड़ और अमरोहा में जनसभाएं की। इन सभी जिलों में एक जिला एक उत्पाद योजना और ‘एक जिला, एक मेडिकल कॉलेज’ की नीति के तहत ‘सबका साथ, सबका विकास और सबका विश्वास’ के नारे संग करोड़ों की विकास योजनाओं को या तो शुरू किया या शिलान्यास किया।

विनिंग फॉर्म्युले को धार देने में जुटी बीजेपी..
2017 के अपने विनिंग फॉर्म्युले को धार देने में पार्टी जुट गई है। ‘सर्वण+गैर यादव ओबीसी+गैर जाटव दलित’ का फॉर्म्युला हैं। वेस्ट यूपी के अलीगढ़ में राजा महेंद्र प्रताप सिंह राज्य विश्वविद्यालय का शिलान्यास कर जाट समुदाय को साधने की कोशिश की। अब गुर्जरों की राजधानी कहे जाने वाले गौतम बुद्ध नगर जिले के दादरी में उनके सम्राट मिहिर भोज पोस्ट ग्रेजुएट कॉलेज में गुर्जर सम्राट मिहिर भोज की प्रतिमा का अनावरण कर गुर्जरों को साधने की गुगली फेंकी।

दरअसल बीजेपी जानती है कि वेस्ट यूपी में जाट और गुर्जर चुनाव को प्रभावित करते हैं। वेस्ट यूपी में मुस्लिमों के बाद जाट, गुर्जर और ठाकुर वोटरों की तादाद ज्यादा है। गुर्जरों का यूपी के 32 जिलों की 60 विधानसभा सीटों पर प्रभाव माना जाता हैं। 2014 और 2019 के लोकसभा और 2017 के विधानसभा चुनाव में गुर्जर बीजेपी के साथ खड़ा दिखा था।