अभी अभीः आजम खान को लेकर बड़ा खुलासा, हो सकता है एनकाउंटर, जेल में दरोगा ने…

Just now: Big disclosure about Azam Khan, there may be an encounter, the inspector in jail...
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रामपुर। 27 महीने के बाद जेल से बाहर आए आजम खान रामपुर अपने घर पहुंच चुके हैं। रामपुर पहुंचने से पहले आजम का जोरशोर से स्वागत हुआ। घर पहुंचने के बाद आजम ने प्रेस कान्फ्रेंस की। इस दौरान आजम ने अपने 40 साल के सियासी सफर की दास्तां भी सुनाई। साथ ही बिना नाम लिए अखिलेश पर निशाना भी साधा। आजम खान ने पत्रकारों को जेल में मिली खुलेआम धमकी का भी जिक्र किया। इसके अलावा आजम ने जमानत पर मिलने पर सुप्रीम कोर्ट का तहे दिल से शुक्रिया भी अदा किया।

जमानत मिलने के बाद घर पहुंचे आजम खान ने जेल में पुलिसकर्मी द्वारा मिली धमकी का भी खुलासा किया। उन्होंने पत्रकारों से बातचीत के दौरान खुद के एनकाउंटर की बात कही। उन्होंने कहा कि जब वह जेल में थे तो उनसे एक दारोगा उनका बयान लेने आया था। इस दौरान दारोगा ने कहा था बचकर रहें। जमानत मिलने के बाद अगर रामपुर आएं तो भूमिगत रहें। आपका एनकाउंटर भी हो सकता है। पत्रकारों से बातचीत के दौरान आजम ने बिना नाम लिए अखिलेश पर भी जमकर निशाना साधा। उन्होंने कहा, अखिलेश यादव मेरे लीडर नहीं हैं। हालांकि कुछ मामला में आजम खान ने अखिलेश यादव पर चुप्पी भी साधी। इशारों ही इशारों में आजम ने अखिलेश पर तंज भी कसा। दो साल से ज्यादा जेल में रहने के बाद आजम खान ने कहा, मैं जमीर बेचने वाला नहीं हूं। मेरे लिए बीजेपी, बीएसपी और कांग्रेस बड़ा सवाल नहीं।

आजम खान ने अपने 40 साल के सियासी सफर का जिक्र करते हुए कहा, उनका मिशन राजनीति नहीं था। उन्हें सोन या चांदी के कंगन नहीं चाहिए थे। उन्होंने शहर के हाल का जिक्र करते हुए कहा रामपुर की इमारतें और नगर पालिका का क्या हाल है आप देख सकते हैं। आपको अंदाजा होगा हमने कैसा शहर बनाया था और अब कैसा हो गया। उन्होंने बताया कि 40 साल के सियासी सफर में पहले भी वह जेल जा चुके हैं। पौने दो बरस तक बनारस की जेल में रह चुके हैं। उन्होंने आगे कहा, सीतापुर की जेल में 27 महीने तक जिन बैरकों में उन्हें रखा गया, वहां केवल उन्हीं को रखा जाता था जिन्हें दो-तीन दिन में फांसी लगने वाली हो।

मेरी तबाहियों में अपना ही हाथ है

घर पहुंचे आजम ने शायराना अंदाजा में बिना नाम लिए अखिलेश और सपा के कुछ चुनिंदा नेताओं पर हमला बोला। आजम खान ने कहा, तबाहियों में अपना ही हाथ है। उन्होंने कहा, अब तक के जीवन में उन पर कई जानलेवा हमले भी हुए हैं लेकिन ऊपर वाले को कुछ और ही मंजूर था, इसलिए उनकी मौत नहीं हुई। उन्होंने कहा सीतापुर जेल में रहने के दौरान उन्हें भयंकर कोरोना हो गया था। मेरे सामने से लाशें जा रही थीं, मैं तब नहीं मरा। मेरे चाहने वालों ने बहुत कोशिश कि मै फिर जिंदा बाहर आ गया।

40 साल के सियासी सफर में कोई गलत काम नहीं किया

जेल में मिली यातनाओं का जिक्र करते हुए आजम खान ने कहा, 40 साल के सियासी सफर में उन्होंने कोई गलत काम नहीं किया है। उन्होंने बताया कि जमीन हड़पने को लेकर जो आठ मुकदमे दर्ज थे वह उन्होंने जीत लिए हैं। उन्होंने बताया कि जिन लोगों ने उन जमीन छीनने का आरोप लगाया था कि उनको जमीन का चेक से पेमेंट किया गया था। जिस समय जमीन खरीदी गईं थी तब उन जमीनों का मूल्य दो हजार रुपये बीघा था, लेकिन हमने उन्हें 40 हजार रुपये बीघा के हिसाब से रुपये दिए थे। उन्होंने कहा, चाहें तो वह भी उन पर केस कर सकते हैं, लेकिन नहीं करेंगे।

आजम ने सुप्रीम कोर्ट का अदा किया शुक्रिया

जमानत मिलने के बाद पूर्व मंत्री आजम खान ने कहा, मैंने एक मौके पर जेल में हुई वीसी के दौरान जज साहब से ये कहा था कि आपके पास आसमान वाले की पावर्स हैं। उन पावर्स का इस्तेमाल आपको कैसे करना है ये आपको तय करना है। उन्होंने सुप्रीम कोर्ट का शुक्रिया अदा करते हुए कहा, मैं ये समझता हूं कि हमारे कुछ हाईकोर्ट के फैसलों ने सुप्रीम कोर्ट के फैसला से जिस तरह से इंसाफ मिला है उसमें यही कहा जा सकता है कि जायज इस्तेमाल किया है।