यूपी में एक लाख से अधिक धार्मिक स्थलों से उतारे गए लाउडस्पीकर, धार्मिक कार्यक्रमों के लिए आदेश जारी

Loudspeakers removed from more than one lakh religious places in UP, orders issued for religious programs
Loudspeakers removed from more than one lakh religious places in UP, orders issued for religious programs
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लखनऊ। उत्तर प्रदेश में अब तक धार्मिक स्थलों से एक लाख से ज्यादा लाउडस्पीकर उतारे गए हैं. सरकार ने 15 दिन पहले ही अफसरों को लाउडस्पीकर के संबंध में आदेश जारी किए थे, जिसके बाद से प्रशासन ने अभियान चलाकर लाउडस्पीकर उतरवाए.

यूपी सरकार की ओर से धार्मिक कार्यक्रमों को लेकर भी निर्देश जारी किए हैं. सरकार ने कहा है कि यह सुनिश्चित किया जाए कि जो लाउडस्पीकर उतारे गए हैं वे दोबारा ना लगने पाएं. धार्मिक आयोजन धार्मिक स्थलों के अंदर ही सीमित हों. कोई भी पर्व, त्योहार और आयोजन सड़क पर ना हों. इस संबंध में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने आदेश जारी किए हैं.

इससे पहले सरकार की तरफ से बताया गया था कि 60 हजार से ज्यादा लाउडस्पीकर की आवाज कम कर दी गई थी. लाउडस्पीकर से संबंधित आदेशों का उल्लंघन किए जाने पर कार्रवाई की जाएगी. यूपी में कई धार्मिक स्थलों पर खुद लोगों ने लाउडस्पीकर उतार लिए हैं.

तय मानक में लाउडस्पीकर बजाने के निर्देश

बता दें कि योगी सरकार ने यूपी में मंदिर-मस्जिद समेत सभी धर्मस्‍थलों पर तय मानकों के मुताबिक लाउडस्पीकर को कम आवाज में बजाने के संबंध में निर्देश जारी किए हैं. नियमों का उल्लंघन पाए जाने पर लाउडस्पीकर उतारने का आदेश दिया है. सरकार ने उन धर्मस्थलों की थानावार सूची बनाने का आदेश दिया है, जहां ध्वनि सीमा का पालन नहीं किया जा रहा है. इसके साथ ही किसी भी धार्मिक जुलूस या शोभायात्रा के लिए आयोजक से शपथ पत्र लेने और धार्मिक स्‍थलों पर नियमों का पालन कराए जाने के आदेश दिए गए हैं.

कोर्ट ने भी कहा- लाउडस्पीकर लगाना मौलिक अधिकार नहीं

हाल ही में इलाहाबाद हाईकोर्ट ने लाउडस्पीकर को लेकर सख्त टिप्पणी की है. कोर्ट ने मस्जिद में लाउडस्पीकर लगाने की मांग को लेकर दाखिल याचिका भी खारिज की थी. कोर्ट का कहना था कि मस्जिद में लाउडस्पीकर लगाना मौलिक अधिकार नहीं है. ये कानून प्रतिपादित हो चुका है कि लाउडस्पीकर का मस्जिदों पर उपयोग करना संवैधानिक अधिकार नहीं है. याचिका इरफान नाम के शख्स ने दाखिल की थी. याचिका में बदायूं जिले के बिसौली एसडीएम के 3 दिसंबर 2021 को दिए गए आदेश को चुनौती दी गई थी.