उत्तराखंड सरकार की वाहन मालिकों को बड़ी सौगात, जानकर उछल पडेगे आप

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देहरादून: प्रदेश में वाहनों की पार्किंग का बड़ा झंझट खत्म होने जा रहा है। सरकार नई पार्किंग नीति लाने की तैयारी में है। इस पर जनता व टाउन प्लानिंग विभाग से फीडबैक ले लिया गया है। शहरी विकास विभाग इसे जल्द ही कैबिनेट में लाएगा।

दरअसल, हर साल पार्किंग की मुसीबत और लगातार बढ़ते जा रहे वाहनों और पर्यटकों के बोझ को देखते हुए सरकार ने दो साल पहले पार्किंग नीति लाने की घोषणा की थी। इस नीति का ड्राफ्ट तैयार करने के बाद विभाग ने इस पर जनता और टाउन प्लानिंग विभाग के सुझाव ले लिए हैं। नीति लगभग फाइनल हो चुकी है जो कि जल्द ही कैबिनेट में लाई जाएगी।

होटल, रेस्त्रां, अस्पताल, कॉलेज को सार्वजनिक पार्किंग भी देनी होगी
अगर कोई होटल, रेस्त्रां, अस्पताल या कॉलेज अपनी पार्किंग अन्यत्र बनाता है तो उसे नियमों का पालन करने के साथ ही उस पार्किंग का एक हिस्सा सार्वजनिक पार्किंग के लिए भी रखना होगा ताकि बाहर से आने वाले लोग यहां वाहन पार्क कर सकें।

समिति तय करेगी पार्किंग स्थल और टैरिफ
सभी शहरों में पार्किंग स्थल के चयन और वहां वसूले जाने वाले टैरिफ के लिए संबंधित विकास प्राधिकरण के उपाध्यक्ष की अध्यक्षता में समिति का गठन किया जाएगा। इस समिति में पुलिस अधीक्षक या उनका नामित सदस्य, नगर नियोजन विभाग का प्रतिनिधि, अपर जिलाधिकारी प्रशासन, स्थानीय निकाय से मुख्य नगर अधिकारी या अधिशासी अधिकारी, यातायात निरीक्षक, अग्निशमन अधिकारी शामिल होंगे।

पर्यटकों को मिलेगी लंबे जाम से राहत
आमतौर पर पर्यटन सीजन में पार्किंग पर्याप्त न होने की वजह से मसूरी और नैनीताल जैसे पर्यटन स्थलों पर लंबे जाम लग जाते हैं। लोग घंटों जाम से जूझने के बाद या तो लौट जाते हैं या किसी तरह आगे बढ़ पाते हैं। पार्किंग नीति आने के बाद इतनी पार्किंग हो जाएगी कि लोगों को अपने वाहन खड़े करने में परेशानी नहीं होगी।

300 प्रतिशत की दर से बढ़ रहे हैं वाहन
प्रदेश में करीब 300 प्रतिशत की दर से वाहन बढ़ रहे हैं। राज्य गठन के समय तीन लाख 63 हजार 916 वाहन थे, जिनकी संख्या अब बढ़कर करीब 28 लाख 80 हजार 520 पहुंच गई है। इसमें निजी वाहनों की संख्या ही करीब 26 लाख से अधिक है।

पार्किंग की होंगी तीन श्रेणियां
पार्किंग पॉलिसी में तीन श्रेणियां रखी गई हैं।
-पहली श्रेणी में सरकारी पार्किंग स्थल होंगे। इन्हें प्राधिकरणों के माध्यम से तैयार किया जाएगा। इसके बाद संचालन के लिए स्थानीय निकायों को सौंप दिया जाएगा। यह व्यवस्था भी रखी जा सकती है कि पार्किंग से होने वाले आय में प्राधिकरणों का हिस्सा भी रहेगा।
-दूसरी श्रेणी पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप (पीपीपी) की होगी। इसके तहत सरकार प्राइवेट संस्था के माध्यम से पार्किंग स्थल विकसित करेगी।
-तीसरी श्रेणी प्राइवेट पार्किंग स्थलों की होगी। इसमें मल्टीलेवल पार्किंग के तहत अगर कोई निर्माण करते हैं तो उसे टॉप फ्लोर पर निजी व्यवसाय जैसे होटल, रेस्टोरेंट या कोई अन्य व्यवसाय संचालित करने की अनुमति रहेगी।

लैंड यूज फ्री बदलेगा, कृषि भूमि पर बना सकेंगे खुली पार्किंग
नई पार्किंग नीति में यह भी प्रावधान किया गया है कि अगर कोई लैंड यूज यानी भू-उपयोग बदलना चाहेगा तो वह निशुल्क बदला जा सकेगा। हां, अगर शहर में कोई कृषि भूमि है तो बिना भू-उपयोग बदले खुली पार्किंग तैयार कर सकेंगे। पार्किंग क्षमता की एवज में शुल्क प्राधिकरण को मिलेगा।

उत्तराखंड पर्यटन राज्य है। चारधाम यात्रा व पर्यटक स्थलों की सैर के लिए यहां हर साल बड़ी संख्या वाहनों से सैलानी आते हैं। पर्यटक स्थलों पर पार्किंग की एक बड़ी समस्या है। इस नीति के लागू होने के बाद निश्चित तौर पर पार्किंग की बड़ी समस्या दूर हो जाएगी। इसे जल्द ही कैबिनेट बैठक में रखा जाएगा। इसके बाद नीति लागू की जाएगी।
– बंशीधर भगत, शहरी विकास मंत्री