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बदरीनाथ: चमोली जिले में अलकनंदा के जलागम क्षेत्र के ग्लेशियरों के पिघलने से सोमवार को बदरीनाथ में नदी का जलस्तर एकाएक बढ़ गया। स्थिति को देखते हुए पुलिस ने लाउडस्पीकर के जरिए लोगों को घाटों और नदी के पास नहीं जाने की अपील की। अलर्ट भी जारी कर लोगों को घाटों से हटाया गया, ताकि किसी भी अनहोनी से बचा जा सके। एसडीआरएफ भी घाटों पर तैनात की गई है। जानकारी के अनुसार सतोपंथ, अलकापुरी बांक में तेजी से ग्लेशियर पिघलने रहे हैं। जिसके चलते सोमवार को शाम के समय अलकनंदा नदी का जल स्तर बढ़ गया। सुरक्षा की दृष्टि से पुलिस ने धाम के घाटों पर एसडीआरएफ की तैनाती बढ़ा दी है। साथ ही घाटों पर लाउडस्पीकर के माध्यम से लोगों को नदी के नजदीक नहीं जाने को लेकर सचेत किया जा रहा है।
सीओ चमोली पुलिस धन सिंह तोमर ने बताया कि समझा जा रहा कि ऊपरी क्षेत्रों में ग्लेशियर पिघलने से जलस्तर बढ़ रहा है। ऐसे में सुरक्षा की दृष्टि को ध्यान में रखते हुए लाउडस्पीकर के माध्यम से लोगों को पानी के नजदीक जाने से सचेत किया जा रहा है। एसडीआरएफ घाटों पर तैनाती कर दी गई है।
चमोली जिले में पहले भी आ चुकी है आपदा
चमोली जिले में इससे पहले भी आपदा आ चुकी है। रैणी-तपोवन क्षेत्र में आई आपदा में करीब 120 लोगों की मौत हो गई थी। वैज्ञानिकों ने दावा किया था कि ऋषिगंगा घाटी में गत सात फरवरी को आई भीषण बाढ़ ग्लेशियर के ऊपरी क्षेत्र में जमा पानी और मलबे के कारण आई थी।
रैंणी-तपोवन आपदा
32 किलोमीटर के दायरे में मचाई तबाही
77 शव और 35 मानव अंग हुए बरामद
205 लोग हुए थे लापता
1500 करोड़ का हुआ था नुकसान