अभी-अभी: उत्तराखंड में बीजेपी को तगड़ा झटका, इस बड़े नेता ने छोड़ा साथ

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अल्मोड़ा। उत्तराखंड विधानसभा में डिप्टी स्पीकर रघुनाथ सिंह चौहान ने भाजपा से इस्तीफा देकर पार्टी के खिलाफ ही ताल ठोकने का कदम उठाकर प्रदेश की राजनीति में नया भूचाल खड़ा कर दिया. टिकट बंटवारे के बाद राजनीतिक दलों में असंतोष चरम पर दिखाई दे रहा है. उत्तराखंड चुनाव को लेकर उम्मीदवारों की घोषणा के बाद सत्तारूढ़ भाजपा में असंतोष का आलम यह है कि पार्टी सदस्य खुलेआम पार्टी के फैसले को चुनौती दे रहे हैं. अल्मोड़ा सीट पर हुए टिकट बंटवारे से नाखुश दिग्गज नेता चौहान, ज़िला सहकारी बैंक के अध्यक्ष ललित लटवाल सहित दर्जनों लोगों ने पार्टी की ज़िम्मेदारियों से इस्तीफा देकर भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष मदन कौशिक पर कई गंभीर आरोप लगाए.

रघुनाथ सिंह चौहान ने साफ शब्दों में कहा कि पार्टी को पहाड़ विरोधी लोग चला रहे हैं. ‘जो लोग कल गंगा जल बेचते थे, आज वो पार्टी के अध्यक्ष बनकर टिकट बेच रहे हैं. मैंने क्षेत्र के विकास के लिए काम किया, लेकिन मुझे टिकट न देकर उस व्यक्ति को पार्टी ने टिकट दे दिया, जिसने 2012 में पार्टी को हराने का काम किया था.’ चौहान ने मीडिया के सामने एक बड़ा बयान और दिया, ‘मैंने तो यहां तक कहा था कि मुझे टिकट नहीं देते हैं, तो कैलाश शर्मा को भी मत देना, लेकिन पार्टी ने मेरी नहीं मानी.’ कैलाश शर्मा को अल्मोड़ा सीट से भाजपा ने प्रत्याशी घोषित किया है.

क्या होगी चौहान खेमे की रणनीति?
चौहान के करीबी समझे जाने वाले लटवाल ने खुद को भाजपा का वफादार बताते हुए कहा, ‘जब अधिकांश लोगों ने पार्टी छोड़ दी थी, तब हमने पार्टी का साथ दिया था. आज पार्टी ने हमारे साथ धोखा किया. अब निर्दलीय चुनाव लड़ा जाएगा.’ लटवाल ने कहा कि निर्दलीय लड़ने के लिए पहले चौहान को मनाया जाएगा और अगर वह नहीं लड़ेंगे तो लटवाल ही मैदान में भाजपा के खिलाफ उतरेंगे.

क्या है इस्तीफे पर भाजपा की सफाई?
वहीं भाजपा ने एक बड़े नेता के इस्तीफे की खबरें आने के बाद डैमैज कंट्रोल करने की कवायद की बात कही. भाजपा के जिलाध्यक्ष रवि रौतेला ने कहा कि उन्हें मीडिया के माध्यम से कुछ लोगों के नाराज़ होने की जानकारी मिली. उन्होंने इसे पार्टी के अंदर का मामला बताकर कहा कि वरिष्ठ लोगों के साथ बैठकर मामले को सुलझा लिया जाएगा. चौहान के इस्तीफे से रौतेला ने इनकार करते हुए कहा कि उन्हें किसी का इस्तीफा नहीं पहुंचा.