अभी-अभी: उत्तराखंड में कांग्रेस को बड़ा झटका, ये बड़े नेता भाजपा में हुए शामिल

Just now Big blow to Congress in Uttarakhand, these big leaders joined BJP
Just now Big blow to Congress in Uttarakhand, these big leaders joined BJP
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देहरादून: उत्तराखंड कांग्रेस को एक ओर झटका लगा है। रविवार को दिल्ली में पार्टी के एक और विधायक भाजपा में शामिल हो गए हैं। उत्तरकाशी जिले की पुरोला सीट से कांग्रेस विधायक राजकुमार आज दिल्ली में भाजपा में शामिल हो गए हैं। इस दौरान केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान, मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी, भाजपा सांसद और राष्ट्रीय प्रवक्ता अनिल बलूनी व उत्तराखंड भाजपा प्रदेश अध्यक्ष मदन कौशिक भी मौजूद रहे।

बता दें कि विधानसभा चुनाव की तैयारी में जुटी भाजपा धनौल्टी विधानसभा के विधायक प्रीतम सिंह पंवार को पहले ही पार्टी में शामिल करा चुकी है। अब एक और विधायक भाजपा में शामिल हो गए हैं।

इससे पहले शनिवार को राजकुमार भाजपा में शामिल होने वाले थे। लेकिन किन्हीं कारण वश उनकी ज्वाइनिंग टल गई थी। सूत्रों के मुताबिक, विधायक ने भाजपा केंद्रीय नेतृत्व के सामने देहरादून की एक सीट से टिकट देने की शर्त रखी थी। जिस कारण ऐसा हुआ था।

विधायक राजकुमार की पारिवारिक पृष्ठभूमि कांग्रेस की
पुरोला विधायक राजकुमार की पारिवारिक पृष्ठभूमि कांग्रेस की ही रही है। उनके पिता पतिदास ने 1985 में उत्तरकाशी से कांग्रेस के टिकट पर विधान सभा चुनाव लड़ा था और हार गए थे।

छात्र राजनीति में कभी भी सक्रिय नहीं रहे
राजकुमार ने देहरादून के डीएवी पीजी कॉलेज से ग्रेजुशन किया है, लेकिन वह छात्र राजनीति में कभी भी सक्रिय नहीं रहे। उत्तराखंड के अलग राज्य के रूप में अस्तित्व में आने के बाद वह भाजपा से जुड़े। 2007 में सहसपुर (आरक्षित) सीट से भाजपा ने राजकुमार को टिकट दिया। वह चुनाव जीत गए। इसके बाद 2012 सहसपुर सीट के सामान्य होने के बाद उन्होंने 2012 में पुरोला सीट से निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में चुनाव लड़ा।

इस चुनाव में वह हार गए। इस चुनाव में भाजपा प्रत्याशी मालचंद जीते थे और राजकुमार दूसरे नंबर पर रहे थे। 2017 में उन्होंने कांग्रेस में वापसी की थी। उन्हें पुरोला से टिकट मिला था। इन चुनावों में उन्होंने जीत दर्ज की थी।

राजकुमार पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत के नजदीकी भी माने जाते हैं। सूत्रों के मुताबिक जब से पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत को आगामी विधानसभा चुनावाें की कमान सौंपी गई, तब से ही वह असहज महसूस कर रहे हैं और आगामी चुनावों में टिकट न मिलने की आशंका के चलते ही भाजपा में शामिल हो रहे हैं।