उत्तराखंड चुनाव 2022: बगावत की आग दोनों तरफ बराबर, भाजपा में 26 और कांग्रेस में 25 विधानसभा सीटों पर असंतोष

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देहरादून। भाजपा की 59 और कांग्रेस की 64 विधानसभा सीटों पर प्रत्याशियों की घोषणा के बाद अब दोनों ही दलों में बगावत और असंतोष की आग भड़कने लगी है। भाजपा में टिकट कटने से नाराज अल्मोड़ा, कर्णप्रयाग, द्वाराहाट व थराली के विधायकों ने बागी तेवर दिखाए हैं और वे निर्दलीय चुनाव लड़ने के संकेत दे रहे हैं।

उनके बगावती तेवरों से भाजपा की पेशानी पर बल पड़ गए हैं। भाजपा को 59 में से 26 विधानसभा सीटों पर टिकट के दावेदारों और उनके समर्थकों के असंतोष और नाराजगी की सामना करना पड़ रहा है। यही हाल कांग्रेस का है, जहां 64 में से 24 विधानसभा सीटों पर असंतोष और बगावत के आसार दिखाई दे रहे हैं।

भाजपा चार विधायक नाराज, दिखाए बागी तेवर
विधानसभा के उपाध्यक्ष रघुनाथ सिंह चौहान अल्मोड़ा सीट से टिकट काटे जाने से बेहद नाराज हैं और उन्होंने निर्दलीय चुनाव लड़ने के संकेत दिए। अमर उजाला से बातचीत में उन्होंने कहा कि वह अब तक नहीं समझ पाए हैं कि आखिर उनका टिकट क्यों काटा गया। उधर, थराली विस सीट पर विधायक मुन्नी देवी और कर्णप्रयाग के विधायक सुरेंद्र सिंह नेगी ने बड़ा कदम उठाने के संकेत दिए हैं। द्वारहाट के विधायक महेश नेगी टिकट काटे जाने के पीछे साजिश करार दे रहे हैं। कैंट सीट पर परिवारवाद के खिलाफ टिकट के तकरीबन सभी दावेदार मिलकर प्रदेश संगठन महामंत्री से मिले और उन्होंने टिकट पर पुनर्विचार की मांग उठाई।

कांग्रेस में भी असंतोष के सुर
पूर्व कैबिनेट मंत्री व कांग्रेस नेता हरिश्चंद्र दुर्गापाल भी टिकट काटे जाने से नाराज हैं। सोशल मीडिया पर उनके पार्टी छोड़कर निर्दलीय चुनाव लड़ने की खबरें तैर रही हैं। रामनगर विस सीट से चुनाव लड़ने की तैयारी कर रहे रंजीत रावत भी टिकट काटे जाने से नाराज बताए जा रहे हैं। उन्हें लेकर भी चर्चा है कि वह निर्दलीय चुनाव लड़ सकते हैं। इसी तरह अन्य विधानसभा सीटों पर असंतोष की खबरों ने कांग्रेस को चिंता में डाल दिया है। ऋषिकेश में टिकट कटने से पूर्व प्रत्याशी राजपाल खरोला और पूर्व कैबिनेट मंत्री शूरवीर सिंह सजवाण ने मिलकर जयेंद्र रमोला को प्रत्याशी बनाए जाने का विरोध किया है।

कांग्रेस की इन सीटों पर सुलग रहा असंतोष
यमुनोत्री, गंगोत्री, रुद्रप्रयाग, घनसाली, सहसपुर, रायपुर, बीएचईएल रानीपुर, यमकेश्वर, गंगोलीहाट, बागेश्वर, नैनीताल, हल्द्वानी, काशीपुर, बाजपुर, सितारगंज, नानकमत्ता, देहरादून कैंट, ऋषिकेश, ज्वालापुर, झबरेड़ा, खानपुर, लैंसडौन, लालकुआं, रामनगर, कालाढुंगी।

भाजपा की इन सीटों पर बगावती सुर
यमुनोत्री, गंगोत्री, थराली, कर्णप्रयाग, घनसाली, नरेंद्रनगर, प्रतापनगर, धनोल्टी, पौड़ी, धारचूला, कपकोट, द्वारहाट, अल्मोड़ा, भीमताल, नैनीताल, धर्मपुर, रायपुर, राजपुर रोड, देहरादून, ऋषिकेश, ज्वालापुर, रुड़की, मंगलौर, लक्सर, यमकेश्वर, काशीपुर।

रूठने मनाने का खेल शुरू, कुछ माने, कुछ कोपभवन में
भाजपा और कांग्रेस में रूठने और मनाने का खेल शुरू हो गया है। टिकट की दौड़ में शामिल कुछ दावेदार तो वरिष्ठ नेताओं की मान मनौव्वल के बाद सक्रिय हो गए हैं, लेकिन कुछ अभी भी कोप भवन से बाहर नहीं निकले हैं। दोनों दलों के वरिष्ठ नेताओं से लेकर केंद्रीय मंत्री व केंद्रीय पदाधिकारी तक नाराज दावेदारों को फोन करके मनाने की कोशिश कर रहे हैं।

यह एक स्वाभाविक प्रतिक्रिया है, लेकिन वे भी जानते हैं कि टिकट एक ही व्यक्ति को मिलेगा। सभी परिवार के लोग हैं। थोड़ा बहुत मन मुटाव चलता है। पार्टी के वरिष्ठ नेता सभी से बात कर रहे हैं। हमें पूरा भरोसा है कि वे सभी लोग केंद्रीय नेतृत्व के फैसले का सम्मान करते हुए चुनाव में भाजपा को विजयी बनाने का काम में जुटेंगे।