PM Narendra Modi: लोकसभा चुनाव 2024 की रणभेरी बज चुकी है और चुनावी दंगल में किनको उतारा जाए, इसे लेकर तमाम पार्टियां अपने-अपने रणबांकुरों की लिस्ट बनाने में जुट गई हैं. खबरें आने लगी हैं कि कई सांसदों के टिकट काटे जा सकते हैं. नए चेहरों को मौका दिया जा सकता है. लेकिन इस बीच हमेशा पार्टी आलाकमान पर हमलावर रहने वाले सांसद वरुण गांधी के सुर बदले-बदले नजर आ रहे हैं. उन्होंने पीएम नरेंद्र मोदी की जमकर तारीफ की है.
554 रेलवे स्टेशनों का होगा कायाकल्प
दरअसल अमृत योजना के तहत 554 रेलवे स्टेशनों का कायाकल्प कराया जाएगा, जिसमें पीलीभीत भी शामिल है. पीलीभीत रेलवे स्टेशन के लिए 16.7 करोड़ रुपये से विभिन्न विकास कार्य कराए जाएंगे. पीएम मोदी ने सोमवार को इस योजना का शुभारंभ कर दिया है, जिसके बाद वरुण गांधी ने पीएम मोदी की तरीफों के पुल बांध दिए. आपको वरुण के सुर बदलने की वजह आगे बताएंगे लेकिन पहले उन्होंने क्या कहा वो सुनिए.
पीलीभीत से बीजेपी सांसद वरुण गांधी ने PM मोदी तारीफ करते हुए कहा, ‘आने वाली पूरी दुनिया की पीढ़ियां और पूरी दुनिया में जय हिंद गूंजेगा. इस राष्ट्रभक्त कार्यक्रम के लिए मैं पीएम मोदी को धन्यवाद देता हूं. आज पीएम के नेतृत्व में मजबूत कड़ी जनपद के लिए जुड़ी है और बहुत बड़ी यह पीलीभीत के लिए उपलब्धि है. भारत देश पूरी दुनिया में अपनी छाप छोड़ रहा है.’ उन्होंने कहा,’जिस देश को कभी इंग्लैंड ने गुलाम बनाया था. उसी इंग्लैंड के आज पीएम एक हिंदुस्तानी मूल के ऋषि सुनक हैं, अमेरिका में उपराष्ट्रपति का नाम कमला है. 18 देशों में पीएम या राष्ट्रपति भारतीय मूल के हैं. इसके साथ ही दुनिया के सबसे अच्छे साइंटिस्ट वकील इंजीनियर डॉक्टर हिंदुस्तानी ही हैं.’
क्यों बदले वरुण के सुर?
दरअसल, यूपी में लोकसभा चुनाव को लेकर बीजेपी ने सभी 80 सीटें जीतने का लक्ष्य रखा है. अभी बीजेपी के पास 65 सीटें हैं. इसके लिए कई मौजूदा सांसदों के टिकट काटने की तैयारी है. उनकी जगह बीजेपी नए उम्मीदवारों पर दांव लगाएगी. सर्वे और परफॉर्मेंस के आधार पर बड़ी संख्या में मौजूदा सांसदों और मंत्रियों का टिकट कट सकता है. कुछ मौजूदा विधायकों को लोकसभा चुनाव का टिकट दिया जा सकता है. बीजेपी दूसरी पार्टी से आनेवाले कुछ दमदार नेताओं को भी टिकट दे सकती है. टिकट देने का आधार सिर्फ और सिर्फ जीत की कसौटी रखी जाएगी.
सूत्रों के मुताबिक बीजेपी यूपी में कई मौजूदा सांसदों की लिस्ट तैयार कर रही है, उनमें वरुण गांधी के अलावा, रीता बहुगुणा जोशी, सत्यदेव पचौरी, देवेंद्र सिंह भोले, लल्लू सिंह कौशल किशोर, रमापति राम त्रिपाठी, राजेन्द्र अग्रवाल, सत्यपाल सिंह, संतोष गंगवार, संगम लाल गुप्ता और बी एल वर्मा का नाम चर्चा में है. इसी तरह वरुण गांधी की मां और सुल्तानपुर से सांसद मेनका गांधी की उम्मीदवारी पर भी संकट के बादल हैं. गृह राज्य मंत्री अजय मिश्र टेनी और सांसद हेमा मालिनी को टिकट मिलेगा या नहीं ये भी तय नहीं है.
वरुण गांधी ने कई मौकों पर बीजेपी आलाकमान और पीएम मोदी के फैसलों पर सीधे-सीधे सवाल उठाए हैं. बेरोजगारी, भ्रष्टाचार, किसानों और गरीब की समस्याओं को लेकर कई बार वह अपनी ही पार्टी के खिलाफ बोल चुके हैं. उनके बयान बीजेपी आलाकमान को कांटे की तरह चुभे हैं.बताया जा रहा है कि पार्टी वरुण की जगह किसी और उम्मीदवार पर दांव खेल सकती है.
क्या है पीलीभीत का समीकरण
पीलीभीत सीट बीजेपी का गढ़ मानी जाती है. साल 2004 से इस सीट पर बीजेपी का ही कब्जा है. 2004 में इस सीट से मेनका गांधी ने जीत दर्ज की थी. दो बार वरुण गांधी ने यह सीट जीती. साल 2019 में वरुण गांधी को 704549 वोट मिले थे, जबकि सपा के हेमराज वर्मा को 448922 वोट हासिल हुए थे. इस सीट पर 25 फीसदी से ज्यादा मुस्लिम मतदाता हैं. पीलीभीत की आबादी 17 लाख से ज्यादा है और SC की आबादी 17 परसेंट है. इस सीट पर मुस्लिम और दलित वोटर किसी भी प्रत्याशी का हाजमा खराब कर सकते हैं. इसके अलावा किसान और राजपूत वोटर्स भी इस सीट पर हैं, जो बीजेपी के पक्षकार माने जाते हैं. इसलिए माना जा रहा है कि वरुण गांधी ने अपना अपना गियर सॉफ्ट कर दिया है, ताकि लोकसभा में कम से कम टिकट बचा रहे.