बाथरूम का वास्तु दोष तबाह कर देता है जिंदगी, भूलकर भी ना करें ऐसी गलती

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नई दिल्ली: वास्तु शास्त्र के मुताबिक अगर घर की संरचना होती है तो परिवार में खुशहाली बरकरार रहती है. वहीं अगर घर बनवाते समय वास्तु के नियमों का ध्यान नहीं रखा जाता है तो वास्तु दोष से जीवन तबाह हो जाता है. पारिवारिक कलह, आर्थिक तंगी से घर में रहने वालों की मानसिक सेहत पर भी नकारात्मक प्रभाव पड़ता है. ऐसे में वास्तु शास्त्र के अनुसार जानते हैं कि घर का बाथरूम कैसा होना चाहिए.

बाथरूम की दिशा
वास्तु शास्त्र के मुताबिक दक्षिण या ईशान कोण में घर का बाथरूम नहीं होना चाहिए. मकान के पूर्व दिशा में स्नानघर होना अच्छा माना गया है.

बाथरूम में ना लगाएं तस्वीर, पैधे
वास्तु शास्त्र के मुताबिक घर के बाथरूम में किसी भी प्रकार की तस्वरी नहीं होनी चाहिए. बाथरूम के अंदर उचित दिशा में एक छोटा सा आईना लगाना सही रहता है. इसके अलावा बाथरूम में किसी प्रकार के पौधे लगाना भी उचित नहीं माना गया है.

बाल्टी और मग
बाथरूम में भूलकर भी मटमैले, काले, बैंगनी और कत्थई रंग के बाल्टी या मग नहीं रखना चाहिए. वहीं बाथरूम में नीले रंग के मग और बाल्टी रखने से वास्तु दोष दूर होता है.

बाथरूम के दरवाजे
बाथरूम के दरवाजे प्लास्टिक या लोहे का नहीं होना चाहिए. साथ ही दरवाजा टूटा-फूटा नहीं होना चाहिए. बाथरूम में लकड़ी का दरवाजा लगाना शुभ माना गया है. इसके अलावा बाथरूम का दरवाजा हमेशा बंद रखना चाहिए.

अटैच बाथरूम
वास्तु शास्त्र के अनुसार बाथरूम चंद्र का और शौचालय राहु का स्थान होता है. अटैच बाथरूम भयंकर वास्तु दोष उत्पन्न करता है. जिसके कारण परवार में आपसी मनमुटाव और धन की हानि होती है.

बाथरूम में वेंटिलेशन और पानी का बहाव
बाथरूम का वेंटिलेशन उत्तर या पूरब दिशा में होना चाहिए. वहीं बाथरूम में पानी का बहाव उत्तर से दक्षिण की ओर नहीं होना चाहिए. बाथरूम में पानी का बहाव उत्तर-पूर्व में रखना सही माना गया है.