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जशपुर. विधानसभा चुनाव के नजदीक आते ही अब एक बार फिर से चुनाव बहिष्कार का सिलसिला शुरू हो गया है. बादलखोल वन अभ्यारण्य के बीच बसे 10 गांवों के ग्रामीणों द्वारा बैठक की गई. बैठक के बाद उन्होंने चुनाव बहिष्कार का ऐलान कर दिया. दरअसल, ये सभी ग्रामीण अभ्यारण्य क्षेत्र में होने की वजह से सड़क निर्माण में बार-बार वन विभाग की आपत्ति लगाए जाने से नाराज हैं.
बता दें कि बगीचा विकासखण्ड स्थित बादलखोल वन अभ्यारण्य क्षेत्र के अंदर कई गांव मौजूद हैं. कलिया बुटूंगा और गायलूंगा ग्राम पंचायत के 10 गांवों के प्रमुख लोगों ने बैठक आयोजित की और बैठक में जोराजाम से गायलूंगा, गायलूंगा से बछरांव और कलिया से साही डांड मार्ग निर्माण के मांग पर चर्चा की गई. ग्रामीणों में सबसे ज्यादा नाराजगी जोराजाम से गायलूंगा तक बन रही सड़क में 4 किलोमीटर की अधूरी सड़क को लेकर है.
जोराजाम से गायलूंगा तक 4 किलोमीटर की अधूरी सड़क का निर्माण काफी हद तक हो गया है, लेकिन 4 किलोमीटर तक की सड़क पर वन विभाग के द्वारा आपत्ति लगाए जाने से पिछले 5 सालों से इस सड़क का निर्माण रुका हुआ है और इससे ग्रामीणों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता है. इसके साथ ही गायलूंगा से बछरांव तक 7 किलोमीटर और कलिया से साहीडांड तक 9 किलोमीटर तक की सड़क भी वन क्षेत्र होने के कारण स्वीकृत नहीं हो पा रही है.
चुनाव बहिष्कार का किया फैसला
इन सड़कों के नहीं बनने से ग्रामीण परेशान हैं और इसी वजह उन्होंने चुनाव बहिष्कार का फैसला किया है. गायलूंगा के उपसरपंच शिव यादव, कलिया के पूर्व सरपंच अजयदान टोप्पो और बुटूंगा के पूर्व उपसरपंच गुलाब शर्मा का कहना है कि आजादी के बाद से वो सड़क निर्माण की मांग कर रहे है, लेकिन आज तक उनकी मांग पूरी नहीं हुई है. अगर आने वाले कुछ महीनों में सड़क नहीं बनी तो विधानसभा चुनाव के बहिस्कार के साथ सड़क पर ही बड़ा आंदोलन होगा.