नई दिल्ली. वैशाख मास की एकादशी तिथि को मोहिनी एकादशी के नाम से जाना जाता है।
आज के दिन भगवान विष्णु के मोहिनी अवतार की विधि-विधान से पूजा-अर्चना की जाती है।
पौराणिक कथाओं के अनुसार, समुद्र मंथन के दौरान अमृत का एक कलश निकला था
जिसे दानवों से बचाने के लिए श्री हरि विष्णु ने मोहिनी का अवतार रखा था। इसलिए
इस दिन व्रत करने के साथ कथा का पाठ करने या फिर सुनने से एक हजार गायों को दान देने के
बराबर पुण्य की प्राप्ति होती है। इसके साथ ही भगवान विष्णु हर संकट से छुटकारा दिलाते हैं।
मोहिनी एकादशी व्रत कथा एक बार युधिष्ठिर ने भगवान श्री कृष्ण से मोहिनी एकादशी की महत्व के बारे में
जानने की इच्छा प्रकट की, तो उन्होंने एक पौराणिक कथा के माध्यम से मोहिनी एकादशी के महत्व की व्याख्या की।
पौराणिक कथा के अनुसार, सरस्वती नदी के तट पर भद्रावती नगर था। वहां द्युतिमान नामक
चंद्रवंशी राजा का राज था। इस नगर में हर तरह से संपन्न विष्णु भक्त धनपाल नामक वैश्य भी रहता था।