Team India भारतीय क्रिकेट टीम में सेलेक्शन होना जितना मुश्किल माना जाता है,
उससे कई गुना ज्यादा मुश्किल खुद को टीम इंडिया में बरकरार रखना होता है, क्योंकि टीम के बाहर
भी कई ऐसे खिलाड़ी होते हैं, जो अपने बेहतरीन प्रदर्शन के दम पर तगड़ा कॉम्पिटिशन देते हैं.
कोई गेंदबाज किसी टेस्ट मैच में 10 विकेट लेने जैसा जबरदस्त प्रदर्शन करे और उसके बाद उसका
करियर खत्म हो जाए, तो आपको उस पर यकीन नहीं होगा. ऐसा एक उदाहरण बाएं हाथ के
स्पिनर प्रज्ञान ओझा (Pragyan Ojha) हैं, जिन्हें टेस्ट मैच में 10 विकेट लेने के बावजूद टीम से
ऐसा बाहर किया गया कि वो फिर कभी लौटकर ही नहीं आए. ये गेंदबाज कभी टीम इंडिया
(Team India) का सबसे बड़ा हथियार था और रविचंद्रन अश्विन के साथ उनकी जोड़ी हिट मानी जाती थी.
बाएं हाथ के स्पिनर प्रज्ञान ओझा (Pragyan Ojha) को 33 साल की उम्र में ही संन्यास की
घोषणा करनी पड़ी थी और इसकी सबसे बड़ी वजह रवींद्र जडेजा बने.