मोदी क्या, इलेक्शन तो सद्दाम हुसैन और गद्दाफी ने भी जीता, राहुल का वो तंज उलटा पड़ गया

What about Modi, even Saddam Hussain and Gaddafi won the election, Rahul's sarcasm backfired
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अहमदाबाद: कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष और केरल के वायनाड से सांसद राहुल गांधी ने मार्च 2021 में एक बयान दिया था। उसमें उन्होंने कहा था कि इराक के तानाशाह सद्दाम हुसैन और लीबिया के मुअम्मर गद्दाफी भी चुनाव जीतते हैं। अमेरिका की ब्राउन यूनिवर्सिटी में प्रोफेसर आशुतोष वार्ष्णेय के साथ ऑनलाइन बातचीत के दौरान राहुल ने कहा था कि सद्दाम हुसैन और लीबिया के मुअम्मर गद्दाफी भी चुनाव करवाते थे और जीतते भी थे। ऐसा नहीं था कि लोग वोटिंग नहीं करते थे। लेकिन उस वोट की सुरक्षा के लिए कोई संस्थागत ढांचा नहीं था। उनके इस पुराने बयान पर असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्व सरमा ने पलटवार किया है। सरमा ने गुजरात चुनाव की एक जनसभा में राहुल गांधी की तुलना सद्दाम हुसैन से करते हुए कहा कि राहुल जी, आपका चेहरा ऐसा होना चाहिए जिसमें लोगों को महात्मा गांधी दिखाई दें, सरदार पटेल दिखाई दें। लेकिन ऐसा नहीं जिसमें सद्दाम हुसैन दिखाई दे।

पहले राहुल गांधी ने पीएम मोदी से की थी तुलना
इससे पहले राहुल गांधी ने पीएम मोदी ने की तुलना सद्दाम हुसैन और लीबिया के मुअम्मर गद्दाफी से की थी। वर्ष 2021 में दिए एक साक्षात्कार में उन्होंने कहा था कि चुनाव सिर्फ यह नहीं है कि लोग जीत जाएं और वोटिंग मशीन पर बटन दबा दें। चुनाव एक अवधारणा और संस्था हैं जो सुनिश्चचित करते हैं कि देश में ढांचा ठीक से चल रहा है। चुनाव वह कि न्यायपालिका निष्पक्ष हो और संसद में बहस हो। इसलिए वाटों के लिए ये चीजें जरूरी हैं। उन्होंने आगे कहा कि सद्दाम हुसैन और लीबिया के मुअम्मर गद्दाफी भी चुनाव करवाते थे और जीतते भी थे।

कांग्रेस ने दिया जवाब
हेमंत बिस्वा के बयान पर कांग्रेस ने तीखी प्रतिक्रिया दी है। वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह ने कहा कि यही वो व्यक्ति जो कांग्रेस नेताओं का पैर पकड़ता था। उनको शर्म आनी चाहिए। आज वह जो भी है, वह कांग्रेस की वजह से है। सरमा के बयान पर कांग्रेस नेत्री सुप्रिया श्रीनेत ने सोशल मीडिया पर कटाक्ष कर कहा कि टीवी डिबेट में असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा पर अपनी टिप्पणी के लिए मुझे बेहद अफसोस है। मैंने उन्हें 2 रूपल्ली का ट्रोल कहा था, वो तो असल में चवन्नी वाले ट्रोल हैं। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता मनीष तिवारी ने भी असम सीएम के बयान पर पलटवार कर कहा कि किसी को भी बोलने में भाषा की मर्यादा का ध्यान रखना चाहिए। असम के मुख्यमंत्री जब इस तरह के बयान देते हैं तो दुर्भाग्य से ट्रोल जैसे लगते हैं।