नई दिल्ली: 111 साल पहले ऐतिहासिक जहाज टाइटैनिक अपनी पहली ही यात्रा में अटलांटिक महासागर में डूब गया था और इतिहास बन गया। जब इस टाइटैनिक के डूबने की रियल लव स्टोरी पर हॉलीवुड फिल्म टाइटैनिक रिलीज हुई तो इस जहाज के डूबने की दर्दनाक कहानी घर-घर में फेमस हो गई थी। करोड़ों की लागत से इसे तैयार किया गया था और ये जब महासागर में अपनी पहली यात्रा पर गया था तभी बड़े से ग्लेसियर से टकराने के कारण हादसे का शिकार हुआ था और डूब गया था। ग्लेसियर के ठंडे समुद्र के पानी में समाने की वजह से उस पर सवार यात्री ठंडे पानी में डूब कर मौत की आगोश में चले गए थे, जो उसमें हादसे में बचा था उसे वो दर्दनाक हादसा भूले नहीं भूलाया जाता था।
111 साल बाद पहली बार सामने आई ऐसी तस्वीरें
टाइटैनिक के डूबने के बाद से लगातार विशेषज्ञ समुद्र की तह में मौजूद टाइटैकिन की तस्वीरें और इसके बारे में जानकारियां एकत्र कर रहे हैं। वहीं अब डूबने के 111 साल बाद इस जहाज की दुर्लभ थ्रीडी तस्वीरें सामने आई हैं।
फोटोज के जरिए खुलेंगे कई रहस्य
जिसे समुद्र के अंदर मलबे में फंसा टाइटैनिक साफ नजर आ रहा है। ये जो फोटोज आई हैं उससे टाइटैनिक के बारे में छिपे कई राज भी खुलने की उम्मीद की जा रही है। बुधवार को जारी की गई टाइटैनिक जहाज़ की तबाही का पहला पूर्ण आकार का 3डी स्कैन अटलांटिक के पार समुद्री लाइनर की दुर्भाग्यशाली यात्रा के बारे में अधिक जानकारी का खुलासा कर सकता है।
Atlantic Productions is delighted to be the media partner on Magellan’s groundbreaking project to scan the Titanic and create a digital twin. The experts will now be able to start an investigation into what exactly happened on the night the Titanic sank.https://t.co/BFwRQmjrHh pic.twitter.com/a97sovWnHf
— Atlantic Productions (@AtlanticProds) May 17, 2023
4,000 मीटर के अंदर जाकर विशेषज्ञों ने ली है ये फोटोज
बीबीसी ने जो तस्वीरें शेयर की हैं उन हाई रिज़ॉल्यूशन फोटोज को लगभग 4,000 मीटर (13,100 फीट) की गहराई पर स्थित मलबे में पड़े टाइटैनिक की तस्वीरें नजर आ रही हैं। अटलांटिक ओशन में 38 सौ मीटर नीचे कई एक्सपर्ट्स ने इसके अंदर जाकर या कैमरे वाले मशीनों से इसकी फोटोज ली गई हैं। पूरे मलबे के साथ पहली बार ऐसी तस्वीर लेने में कामयाबी हासिल हुई है।
बता दें 2022 में डीप-सी मैपिंग कंपनी मैगलन लिमिटेड और अटलांटिक प्रोडक्शंस द्वारा पुनर्निर्माण किया गया था वो इस पर डाक्युमेंट्री बना रही है। विशेषज्ञों ने अटलांटिक महासागर के तल में मलबे का सर्वेक्षण करने में 200 घंटे से अधिक बिताया और स्पेशल कैमरों से मलबे से कुछ दूर से ही विशेषज्ञों ने पानी में सालों से डूबे टाइटैनिक की 20,000 से अधिक फोटोज ली। अभियान के प्रोजेक्ट हेड मैगेलन के गेरहार्ड सीफर्ट ने बीबीसी को बताया कि उन्हें कुछ भी छूने की अनुमति नहीं थी ताकि मलबे को नुकसान न पहुंचे।
फोटो में नजर आई ये खास चीज
गहरे समुद्र में डूबे हुए टाइटैनिक की फोटोज में नजर आ रहा है, इसका कड़ा और धनुष मलबे से घिरा हुआ है – जैसे कि इसे पानी से उठाया गया हो। नए स्कैन इस बात पर अधिक प्रकाश डाल सकते हैं कि वास्तव में इतिहासकारों और वैज्ञानिकों के साथ लाइनर का क्या हुआ, क्योंकि जहाज़ विघटित हो रहे हैं।स्टीफेंसन ने कहा कि मलबे से “अभी भी बहुत कुछ सीखना है”, जो “अनिवार्य रूप से आपदा का अंतिम जीवित चश्मदीद गवाह है
1912 में पहली यात्रा में ही डूब गया था टाइटैनिक
लग्जरी पैसेंजर लाइनर अप्रैल 1912 में इंग्लैंड के साउथेम्प्टन से न्यूयॉर्क की अपनी पहली यात्रा पर एक हिमखंड से टकराने के बाद डूब गया, जिससे 1,500 से अधिक लोग मारे गए थे। 1985 में पहली बार कनाडा के तट से लगभग 650 किलोमीटर (400 मील) की दूरी पर खोजे जाने के बाद से जहाज़ की तबाही का बड़े पैमाने पर पता लगाया गया है, लेकिन कैमरे कभी भी जहाज को पूरी तरह से पकड़ने में सक्षम नहीं थे।