जब दूर होगा राजस्थान का बिजली संकट, मिला यूरेनियम का बड़ा भंडार

When Rajasthan's electricity crisis will be overcome, large reserves of uranium found
When Rajasthan's electricity crisis will be overcome, large reserves of uranium found
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जयपुर: झारखंड और आंध्र प्रदेश के बाद राजस्थान में यूरेनियम के विशाल भंडार मिले हैं। सीकर के खंडेला इलाके में खनन की तैयारी शुरू हो गई है। यहां 1086.46 हेक्टेयर एरिया में 12 मिलियन टन यूरेनियम और इससे जुड़े एसोसिएटेड मिनरल्स के भंडार मिलने के बाद सरकार के भी चेहरे खिल उठे हैं। वर्ल्ड स्क्रीन पर राजस्थान भी चमकने लगा है। इससे रोजगार से लेकर इंवेस्टमेंट तक के रास्ते खुल गए हैं।

उधर, यूरेनियम के संवर्धन के आधार पर ही तय होगा कि परमाणु हथियार बनाने में इसका उपयोग होगा या नहीं। इसके साथ ही परमाणु बम में यूरेनियम का उपयोग करने के लिए कई वैज्ञानिक परीक्षण करने होते हैं।

माइनिंग के लिए राजस्थान सरकार ने रविवार को LOI (लेटर ऑफ इंटेंट) जारी कर दिया है। इसी के साथ राजस्थान की यूरेनियम माइनिंग सेक्टर में एंट्री हो गई है। यूरेनियम कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड (UCIL) करीब 3 हजार करोड़ का इंवेस्टमेंट करेगा। करीब 3 हजार लोगों को डायरेक्ट- इन डायरेक्ट रोजगार मिलेगा।

यूरेनियम कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया करेगा माइनिंग
प्रदेश के माइंस एंड पेट्रोलियम डिपार्टमेंट के एडिशनल चीफ सेक्रेट्री डॉ. सुबोध अग्रवाल ने रविवार को बताया- राजस्थान सरकार ने सीकर के पास खण्डेला तहसील के रोहिल में यूरेनियम अयस्क की माइनिंग के लिए ‘यूरेनियम कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया’ को पट्टा का लेटर ऑफ इंटेट जारी कर दिया है। देश में झारखंड और आंध्र प्रदेश के बाद राजस्थान में यूरेनियम के विशाल भंडार मिले हैं। यूरेनियम दुनिया के दुर्लभ खनिजों में से एक माना जाता है। परमाणु ऊर्जा के लिए यूरेनियम बेहद कीमती खनिज है। यूरेनियम माइनिंग से राजस्थान के वर्ल्ड स्क्रीन पर आने के साथ ही इंवेस्टमेंट, रेवेन्यु और रोजगार के दरवाजे खुल गए हैं।