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कीव/मॉस्को : यूरोप में रूस और यूक्रेन की तबाही जारी है। एक दूसरे पर हमले करने के लिए अब ड्रोन का इस्तेमाल किया जा रहा है। यूक्रेन ने सोमवार को रूस पर दक्षिण-पूर्व में घरों पर मिसाइल हमले करने का आरोप लगाया। वहीं मॉस्को का कहना है कि यूक्रेनी ड्रोन ने रूस के भीतर सैकड़ों किमी घुसकर दो एयरबेस को निशाना बनाया। यूक्रेन में पिछले कई दिनों से नए मिसाइल हमले का अनुमान लगाया जा रहा था और सोमवार को यह खतरा हकीकत में बदल गया।
रूसी हमले यूक्रेन के लिए अब ज्यादा विनाशकारी साबित हो रहे हैं। मिसाइलों ने कई इलाकों को भयानक ठंडे अंधेरे में डुबो दिया है जहां तापमान शून्य डिग्री सेल्सियस से नीचे है। यूक्रेनी राष्ट्रपति वोलोडिमिर जेलेंस्की ने कहा कि रूसी हमलों में कम से कम चार लोग मारे गए हैं। उन्होंने दावा किया कि करीब 70 मिसाइलों में से ज्यादातर को मार गिराया गया है। जेलेंस्की ने कहा कि बिजली सप्लाई बहाल करने का काम पहले ही शुरू कर दिया गया है। दोनों ही पक्षों की तरफ से एक-दूसरे पर एक जैसे आरोप लगाए जा रहे हैं।
रूस ने लगाए ड्रोन हमलों के आरोप
रूस के रक्षा मंत्रालय ने कहा कि यूक्रेनी ड्रोन ने दक्षिण-मध्य रूस में रियाज़ान और सेराटोव में दो एयर बेस पर हमला किया। इसमें तीन कर्मियों की मौत और चार घायल हो गए। जब ड्रोन को शूट किया गया तो उसके मलबे ने दो विमानों को क्षतिग्रस्त कर दिया। यूक्रेन ने सीधे तौर पर इन हमलों की जिम्मेदारी नहीं ली है। लेकिन अगर ये हमले यूक्रेन ने किए हैं तो ये 24 फरवरी को युद्ध की शुरुआत के बाद से यह रूसी गढ़ के भीतर सबसे गहरा यूक्रेनी हमला है।
सर्दियों को हथियार बना रहा रूस
हमले में एंगेल्स एयरबेस को भी टारगेट किया गया, जो मॉस्को से करीब 730 किमी दूर सेराटोव शहर के पास स्थित है। इसे रूस के रणनीतिक परमाणु बलों से बॉम्बर प्लेन का घर माना जाता है। रूसी रक्षा मंत्रालय ने ड्रोन हमलों को ‘आतंकवाद’ करार दिया है। रूस और यूक्रेन फरवरी से जंग लड़ रहे हैं और अब यह लड़ाई अपनी पहली सर्दियों में प्रवेश कर रही है। रूस कड़ाके की ठंड का इस्तेमाल हथियार के तौर पर यूक्रेन के खिलाफ करना चाहता है। यही वजह से कि वह अब यक्रेनी बिजली सप्लाई को बाधित करने की मंशा से हमले कर रहा है।