जब भी लेडी कस्टमर SBI आती, कैशियर उसका मोबाइल नीचे रखवा लेता था, जानिए कैश काउंटर पर कैसे हो जाता है फ्रॉड?

Whenever the lady customer came to SBI, the cashier used to keep her mobile down, know how fraud happens at the cash counter?
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मुंबई. यह खबर उन सभी बैंक कस्टमर्स के लिए है, जो हर बैंक कर्मचारी को ‘ईमानदार’ जान आंख मूंदकर भरोसा कर लेते हैं। मुंबई में एक और ऑनलाइन बैंकिंग फ्रॉड का मामला सामने आया है। इसमें एक बैंक कर्मचारी ने ही ऑनलाइन ट्रांजैक्शन में मदद के नाम पर एक लेडी कस्टमर से ठगी कर ली। मुंबई की एक 26 वर्षीय महिला ने पिछले दिनों पुलिस में शिकायत दर्ज कराई कि जिस बैंक में उसने अपना अकाउंट खोला है, वहां के एक कर्मचारी ने उसके 7.5 लाख रुपये निकाल लिए।

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शिकायत दर्ज होने के बाद मुंबई पुलिस ने बैंक की मलाड (पूर्व) ब्रांच में भारतीय स्टेट बैंक (SBI) के कर्मचारी दिनेश बैसाणे के खिलाफ मामला दर्ज किया है। मामले की डिटेल्स देते हुए पुलिस ने बताया कि बैसाने ने ही पीड़िता जानकी चौबे को इंटरनेट बैंकिंग और मोबाइल बैंकिंग से फ्रेंडली कराया था। इसकी आड़ में उसने यूजर आईडी और पासवर्ड नोट कर लिए थे। यह उनके पति का अकाउंट था। पुलिस ने कहा कि कांदिवली (पूर्व) में रहने वाली जानकी चौबे अक्सर बैसाने से पेमेंट स्लिप को ठीक से भरने में मदद करने के लिए कहती थीं। बैसाने उन्हें पैसे गिनने, पर्ची भरने और बैलेंस अमाउंट को नोट करने में मदद कर रहे थे। पुलिस ने कहा कि हर बार जब महिला कस्टमर किसी बैंक जाती थी, तो लेन-देन को संभालने और ओटीपी प्रोवाइड कराने के लिए बैसाने जानबूझकर उनका फोन नीचे रखवा लेता था।

हालांकि, एक दिन जानकी जब पिछले साल 26 दिसंबर को पैसे जमा करने के लिए अपने दोस्त के साथ बैंक आईं, तब उन्हें एहसास हुआ कि कुछ ठीक नहीं है। पासबुक अपडेट करने के बाद उन्होंने देखा कि उसके पति के अकाउंट में केवल 5 लाख रुपये थे, जबकि राशि लगभग 12 लाख रुपये होनी चाहिए थी। यह देखने के तुरंत बाद महिला कस्टमर ने बैसाने से बैलेंस कम होने के बारे में पूछा, तब उसने टालमटोल जवाब देते हुए कहा कि पासबुक प्रिंटिंग मशीन में कोई समस्या हो सकती है।

आखिर पकड़ा गया 420 बैंक कर्मचारी
कुछ दिनों बाद जानकी चौबे ने फिर से बैंक आकर बैसाने से बैंक स्टेटमेंट मांगा। तब उसने धोखाधड़ी करके दिखाया कि खाते में 12,26,259 रुपये हैं। हालांकि जब रकम पासबुक से मैच कराई गई, तो बैसाने का फ्रॉड सामने आ गया। इसके बाद महिला ग्राहक बैंक मैनेजर से मिलने गई। मैनेजर ने उन्हें वास्तविक बैंक स्टेटमेंट दिया, जिसमें खाते में केवल 5,29,046 रुपये थे। बैंक स्टेटमेंट की जांच के बाद सामने आया कि क्रेडिट कार्ड भुगतान की आड़ में कई संदिग्ध लेनदेन हुए हैं। पुलिस ने कहा कि उसके खाते में 7,63,196 रुपये के करीब 12 फर्जी लेनदेन किए गए। पीड़ित द्वारा 6 मार्च को शिकायत दर्ज करने के बाद बांगुर नगर पुलिस ने भारतीय दंड संहिता की विभिन्न धाराओं और सूचना और प्रौद्योगिकी अधिनियम की धारा 66 डी (कंप्यूटर संसाधन का उपयोग करके धोखाधड़ी) के तहत धोखाधड़ी और जालसाजी का मामला दर्ज किया।