UPSC रैंक 44 किसकी? बिहार और हरियाणा के अभ्यर्थी के बीच छिड़ा विवाद, जानें पूरा मामला

Whose UPSC rank 44? Controversy broke out between the candidates of Bihar and Haryana, know the whole matter
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UPSC Result Controversy: यूपीएससी 2022 का रिजल्ट आया तो बिहार के भागलपुर जिला अंतर्गत सुल्तानगंज उधाडीह के रहने वाले तुषार कुमार (Tushar Kumar UPSC ) के घर व गांव में उत्सव जैसा माहौल बन गया. तुषार को यूपीएससी परीक्षा में 44वां रैंक हासिल हुआ है. भागलपुर जिले में तुषार की कामयाबी की चर्चा हर जुबान पर है. बधाई देने वालों का तांता लगा हुआ है. तुषार बीपीएससी परीक्षा में सफल होकर अभी कैमूर में बतौर अवर निर्वाचन पदाधिकारी के पद पर हैं. उन्होंने छठे प्रयास में UPSC परीक्षा क्लियर की है. इससे पहले पांच बार वो इंटरव्यू से बाहर आए. तुषार का रिजल्ट आया तो इसमें अचानक एक विवाद भी सामने आ गया.

हरियाणा के तुषार का दावा..
हरियाणा के रहने वाले एक तुषार कुमार ने दावा कर दिया है कि वही वो तुषार है जिसे यूपीएससी में 44वां रैंक आया है. रेवाड़ी के मोहल्ला सत्ती कॉलोनी निवासी तुषार के माता पिता का देहांत हो चुका है. स्व. ब्रजमोहन सैनी के पुत्र तुषार ने दावा करते हुए अपना प्रवेश पत्र भी दिखाया है जिसमें वही रॉल नंबर अंकित है जो बिहार के तुषार के प्रवेश पत्र में है.

बिहार के तुषार का दावा..
वहीं जब ये विवाद छिड़ा तो प्रभात खबर डिजिटल ने बिहार के भागलपुर निवासी तुषार कुमार से बात की. इस क्रम में बिहार के तुषार कुमार ने बताया कि सफल वही हुए हैं और जो हरियाणा का तुषार दावा कर रहा है वो पूरी तरह भ्रामक है. बिहार के तुषार कुमार ने कहा कि उन्होंने हरियाणा के तुषार से फोन पर बात की और कहा कि वो क्यों भ्रम फैला रहा है. बिहार निवासी तुषार ने दावा किया कि हरियाणा के तुषार का एडमिट कार्ड जाली है. उसे एडिट करके बनाया गया है और उसमें UPSC का वाटर मार्क भी नहीं है.

भ्रम फैला रहा हरियाणा का तुषार- भागलपुर के तुषार ने किया दावा
बिहार के तुषार ने बताया कि हरियाणा वाला तुषार बस माहौल बना रहा है और अपने कोचिंग में भी उसने ये बात फैलाई है. यूपीएससी दूध और पानी को अलग कर देगी. तुषार ने बताया कि परीक्षा का जब फॉर्म भरना होता है उस दौरान कई ऐसे कागजात होते हैं जो मैने हरियाणा के तुषार से मांगे लेकिन वो नहीं देना चाहता. बिहार के तुषार का दावा है कि वो निश्चिंत हैं और आगे की प्रक्रिया में लगे हैं. बता दें कि यूपीएससी ही अब इस विवाद में साफ करेगी कि कौन तुषार सही हैं और किन्हें सफलता मिली है. ऐसे मामले पूर्व में भी सामने आ चुके हैं.