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नई दिल्ली। हरियाणा विधानसभा चुनाव में अप्रत्याशित हार को पचा नहीं पा रही कांग्रेस ने अपने स्तर पर इसके कारणों की पड़ताल शुरू कर दी है। इस क्रम में कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे की अध्यक्षता और लोकसभा में नेता विपक्ष राहुल गांधी की मौजूदगी में शीर्ष नेताओं की गुरुवार को हार की समीक्षा के लिए पहली बैठक हुई।
कांग्रेस के शीर्ष नेताओं की आपसी गुटबाजी
पहली बैठक में पराजय के कारणों के किसी अंतिम निष्कर्ष पर पार्टी नहीं पहुंची। मगर समझा जाता है कि राहुल गांधी ने बैठक के दौरान हरियाणा कांग्रेस के शीर्ष नेताओं की आपसी गुटबाजी-भितरघात की ओर साफ इशारा करने से परहेज नहीं किया और कहा कि नेताओं ने केवल अपने हित को देखा तथा पार्टी हितों की परवाह नहीं की गई।
सूबे के नेताओं से चर्चा बाद में की जाएगी
हरियाणा में पार्टी का चुनावी चेहरा रहे वरिष्ठ नेता भूपेंद्र सिंह हुडडा और प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष उदय भान के भी पहले बैठक में शामिल होने की बात थी मगर तय हुआ कि सूबे के नेताओं से चर्चा बाद में की जाएगी। जबकि चुनाव के दौरान खुले तौर पर नाराजगी जाहिर करती रहीं पार्टी महासचिव कुमारी सैलजा और रणदीप सिंह सुरजेवाला को नहीं बुलाया गया था।
बागी निर्दलीय उम्मीदवारों बने वजह
बताया जाता है कि करीब डेढ़ घंटे चली बैठक के दौरान अजय माकन ने निकट मुकाबले में कम अंतर से हार वाली दर्जन भर से ज्यादा सीटों का ब्यौरा दिया जिसमें कहा गया कि बागी निर्दलीय उम्मीदवारों को मिला वोट पराजय का कारण बनी हैं। इसी दौरान राहुल गांधी ने सैलजा, सुरजेवाला या हुडडा में किसी का नाम लिए बिना कहा कि हमारे नेताओं ने पार्टी हित की बजाय अपने हित को ऊपर रखा।
हार की समीक्षा के लिए होंगी कई बैठकें
हार पर शीर्ष नेतृत्व की मंत्रणा बैठक के बाद केसी वेणुगोपाल और अजय माकन ने पत्रकारों से रूबरू होते हुए कहा कि हमने नतीजों की समीक्षा की है। तमाम एग्जिट पोल और जनमत सर्वेक्षणों के आकलन के विपरीत परिणाम अप्रत्याशित हैं।
माकन ने कहा कि एग्जिट पोल तथा असल नतीजों में बहुत अंतर है जिसके क्या कारण हो सकते हैं इस पर बैठक में चर्चा की गई। इन मुद्दों पर आगे क्या करना है हम इसे जल्द ही सामने रखेंगे और उचित कदम उठाएंगे।
नेताओं की गुटबाजी ने पार्टी को कितना चुनावी नुकसान पहुंचाया है? इस पर माकन ने कहा कि इसके कई कारण हैं। चुनाव आयोग से लेकर आंतरिक मतभेद तक हमने सब पर चर्चा की है। भविष्य में हार की समीक्षा को लेकर बैठकें होगी।
हरियाणा में हार के लिए कांग्रेस ने ईवीएम पर लगाया आरोप
मालूम हो कि कांग्रेस ने हरियाणा के नतीजों को अस्वीकार करते हुए मतगणना के दौरान कुछ ईवीएम मशीनों में हेर-फेर का आरोप लगाया है और बुधवार को पार्टी ने चुनाव आयोग से इस बारे में आधिकारिक शिकायत भी दर्ज कराई है। इसमें पार्टी ने 20 विधानसभा सीटीं पर मतगणना के दौरान ईवीएम की 60 से 70 प्रतिशत औसत बैटरी क्षमता की बजाय कई 99 प्रतिशत चार्ज बैटरी वाले ईवीएम होने का दावा करते हुए आरोप लगाया है कि ऐसे ईवीएम में भाजपा को ज्यादा वोट मिले।