सगाई की अंगूठी बाएं हाथ की अनामिका उंगली में ही क्यों पहनी जाती हैं, जानें कारण

Why engagement rings are worn on the ring finger of the left hand, know the reason
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सगाई की अंगूठी को प्यार की निशानी के तौर पर देखा जाता है। एक ऐसा वादा जो दो लोग एक-दूसरे से करते हैं. एक बंधन जिसे वो उम्रभर निभाने की कसम के साथ अपनाते हैं। पर क्या आपने कभी ये सोचा है कि सगाई की अंगूठी हाथ की तीसरी उंगली में ही क्यों पहनी जाती है? फिल्मों में दिखाया जाता है कि तीसरी उंगली सीधे दिल तक पहुंचती है

इसलिए अंगूठी उसी में पहनते और पहनाते हैं. पर क्या वाकई यही एक कारण है? या फिर इसके पीछे कुछ और ही वजहें हैं।आपमें से कई लोगों के दिमाग में ये ख्याल जरूर आता होगा कि लड़कियों को सगाई की अंगूठी बाएं हाथ की अनामिका उंगली में ही क्यों पहननी चाहिए।

सगाई में लड़का और लड़की एक-दूसरे को अंगूठी पहनते हैं जिसमें लड़कियों के बाएं हाथ की अनामिका उंगली में अंगूठी पहनाई जाती है। सदियों से ऐसी परंपरा चली आ रही है कि होने वाले वर-वधु इसी उंगली में एक दूसरे को अंगूठी पहनाते हैं।

अनामिका उंगली में सगाई की अंगूठी पहनने की रस्म की शुरुआत रोम एवं ग्रीस से हुई। हालांकि अमेरिका जैसे बड़े देशों में भी इसका प्रचलन है। इसके पीछे क्या वजह है इसका कोई ठोस आधार नहीं दिखता है, लेकिन फिर भी अनामिका उंगली में ही अंगूठी पहनाने का प्रचलन है आइए जानते हैं इसके पीछे क्या कारण हैं।

प्रेम एवं विश्वास का प्रतीक
कहते हैं कि लड़कियों के बाएं हाथ की अनामिका उंगली का वैवाहिक जीवन में खास महत्व है। यह पति-पत्नी के बीच विश्वास एवं निष्ठा को दर्शाती है।अनामिका उंगली में अंगूठी पहनाकर हम एक दूसरे के साथ रिश्ते को और मजबूत करते हैं। साथ ही, एक दूसरे के प्रति निष्ठावान एवं कमिटेड रहने का वादा करते हैं।

वैज्ञानिक कारण
अनामिका उंगली में कोई भी धातु पहनने का एक कारण यह भी है कि इससे शरीर का सिस्टम स्थिर होता है। सोने की अंगूठी पहनने से उसकी रगड़ से महिलाओं के दिल पर अच्छा असर होता है और यह जीवन में जोश और उत्साह लाती है।

दिल से गहरा संबंध
कहा जाता है कि अनामिका उंगली की नस का सीधा संबंध हमारे दिल से होता है। इसलिए इस उंगली में अंगूठी पहनकर भावी-पति पत्नी एक दूसरे के साथ दिल से जुड़ जाते हैं।

अलग जगहों पर अंगूठी पहनाने के अलग कारण

अनामिका उंगली में अंगूठी पहनाने की परंपरा रोम से ही शुरू हुई थी। रोम में यह मान्यता है कि इस उंगली की नस दिल से हो कर गुजरती है। इसलिए अंगूठी इसी उंगली में पहनाई जाती है।

चीन में यह माना जाता है कि हमारे हाथ की हर उंगली एक संबंध को दर्शाती है। जिसमे हमारे हाथ की चौथी उंगली यानी अनामिका उंगली, पार्टनर के लिए होती है। जबकि अंगूठा माता-पिता के लिए, तर्जनी उंगली भाई बहनों के लिए, मध्यमा खुद के लिए और कनिष्ठा बच्चों के लिए होती है।

ऐसा माना जाता है कि हाथ की पांचो उंगलियों का अपना कर्तव्य होता है। ये जीवन के किसी न किसी महत्वपूर्ण भाग से जुड़ी होती हैं। इस तरह आप ये मान सकते हैं कि अनामिका उंगली में सगाई की अंगूठी पहनना अच्छा होता है। हालांकि इस बात का कोई ज्योतिषीय प्रमाण नहीं है लेकिन सालों से चली आ रही परंपरा के अनुसार इसे रिश्तों में मधुरता लाने के लिए अपनाया जा सकता है।